जोमैटो आज जेएसडब्ल्यू स्टील की जगह लेते हुए प्रतिष्ठित 30-शेयर बेंचमार्क सेंसेक्स में शामिल होने वाली नई पीढ़ी की पहली कंपनी बन गई। यह न केवल जोमैटो बल्कि भारतीय स्टार्टअप जगत के लिए भी महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है जो 5.2 लाख करोड़ डॉलर की सूचीबद्ध कंपनियों की दुनिया में लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड की गणना के अनुसार जोमैटो का सेंसेक्स भार 2.77 प्रतिशत बैठता है जो 30 शेयरों में 12वें स्थान पर है। यह उपभोक्ता क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजूकी, एशियन पेंट्स और नेस्ले जैसी कंपनियों से आगे निकली आई है। इसका ‘प्रवर्तक-रहित’ दर्जा और हाल में 8,500 करोड़ के क्यूआईपी ने इसके सार्वजनिक फ्लोट को बढ़ा दिया है जिसे भार की गणना में शामिल किया जाता है। 2.64 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ जोमैटो देश की 28वीं सबसे मूल्यवान कंपनी है।
सेंसेक्स को वे पैसिव फंड ट्रैक करते हैं, जिनकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) दो लाख करोड़ रुपये से अधिक होती हैं। फिलहाल, घरेलू म्युचुअल फंड सेंसेक्स को आधार बनाते हुए 21 पैसिव योजनाएं पेश कर रहे हैं। इनमें सबसे बड़ी योजना एसबीआई सेंसेक्स ईटीएफ है, जिसका एयूएम 1.2 लाख करोड़ रुपये है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में सूचकांक के इस पुनर्संतुलन से जोमैटो के शेयरों को और बढ़ावा मिलेगा।
30 दिसंबर को जोमैटो को निफ्टी200 मोमेंटम 30 सूचकांक में शामिल किया जाना है। जनवरी में निफ़्टी नेक्स्ट 50 में इसका वेटेज बढ़ेगा। फरवरी में यह एमएससीआई मानक सूचकांक में शामिल होगा। मार्च में जोमैटो निफ्टी 50 सूचकांक में भी शामिल हो सकता है जिसकी एयूएम 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। विश्लेषकों का कहना है कि इन सब घटनाओं से पैसिव फंडों की जोमैटो के फ्री फ्लोट में 7% की खरीदारी आ सकती है।
जोमैटो का शेयर जुलाई 2021 में आईपीओ के बाद से 3.6 गुना बढ़ा है। उस समय आईपीओ 76 रुपए प्रति शेयर पर आया था। इस समय शेयर 274 रुपए पर कारोबार कर रहा है। सेंसेक्स में कंपनी का शामिल होना तब संभव हो पाया जब पिछले महीने 44 साल ने कंपनियों के साथ इसे फ्यूचर ऐंड ऑप्शन में शामिल किया गया।