नई दिल्ली: शेयर मार्केट में पिछले हफ्ते गिरावट का दौर रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 4,091.53 अंक या 4.98 प्रतिशत नीचे आया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1,180.8 अंक या 4.76 प्रतिशत के नुकसान में रहा। इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझान और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि इस कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह में घरेलू मोर्चे पर कोई प्रमुख घटनाक्रम नहीं है। ऐसे में बाजार भागीदारों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। ‘क्रिसमस’ के मौके पर बुधवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे।सोमवार को इंश्योरेंस सेक्टर के शेयरों पर फोकस रहने की संभावना है। इसकी वजह यह है कि जीएसटी काउंसिल की शनिवार को हुई मीटिंग में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कम करने के फैसले को स्थगित कर दिया गया। साथ ही ऑटो शेयर पर भी फोकस रह सकता है क्योंकि काउंसिल ने पुरानी कारों पर टैक्स का रेट 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया है। हालांकि यह एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति को कार बेचने पर लागू नहीं होगा। जीएसटी काउंसिल ने फोर्टिफाइड राइस कर्नेल पर टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया है जिससे राइस स्टॉक में तेजी आ सकती है। इसके अलावा लिकर और टोबैको कंपनियों के शेयर भी फोकस में रहेंगे क्योंकि काउंसिल ने सिन टैक्स पर फैसला टाल दिया है।
किस शेयरों में आ सकती है तेजी
जीआईसी, Aegis Logistics, नेटवर्क8 मीडिया, टेक्नो इलेक्ट्रिक, बीएएसएफ इंडिया, न्यू इंडिया एश्योरेंस और न्यूजेन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज के शेयरों में खरीदारों की भारी दिलचस्पी दिख रही है। 229 शेयर 52 हफ्ते के टॉप पर हैं जबकि 68 शेयर 52 हफ्ते के लो पर हैं। सीमेंस, टॉरेंट टावर, आरबीएल बैंक, फाइजर, एलटीआईमाइंडट्री, मझगांव डॉक शिप और बलरामपुर चीनी मिल्स के शेयरों में बिकवाली का दबाव दिख रहा है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के वरिष्ठ शोध विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि आगे की ओर देखें, तो घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े संकेतक का अभाव है। हालांकि, कुछ वैश्विक संकेतक बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसमें अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल, डॉलर इंडेक्स का प्रदर्शन, बेरोजगारी दावे और नए घरों की बिक्री के आंकड़े शामिल हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चल रहा है। साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार बिकवाल बने हुए हैं। ऐसे में निवेशकों द्वारा सतर्क रुख अपनाए जाने की उम्मीद है। हालिया कमजोरी के रुख के बावजूद बाजार का दृष्टिकोण सतर्क रूप से आशावादी बना हुआ है। हालांकि, एफआईआई की लगातार बिकवाली ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है।
कैसी रहेगी बाजार की चाल
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘एफआईआई का रुख अचानक से लिवाल से बिकवाल का हो गया, जिससे बाजार प्रभावित हुआ है।’ विश्लेषकों ने कहा कि रुपये-डॉलर का रुख और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा कि यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों का रहेगा। बाजार भागीदारों की निगाह एफआईआई के प्रवाह और वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन पर रहेगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि भारतीय बाजार में कमजोरी बने रहने की संभावना है। उतार-चढ़ाव के बीच बाजार भागीदारों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन आ रहा है और वैश्विक बाजारों में दो-तीन दिन अवकाश रहेगा। ऐसे में स्थानीय बाजार में भी गतिविधियां सुस्त रहेंगी।