IFCI Share price: सरकार ने पब्लिक सेक्टर की वित्तीय कंपनी IFCI (इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए इसमें ₹500 करोड़ की पूंजी डालने का फैसला किया है। यह कदम IFCI के प्रस्तावित पुनर्गठन और इसे एक ग्रुप में कंसोलिडेट करने की योजना से पहले उठाया गया है। इस निवेश का उद्देश्य IFCI की वित्तीय सेहत को मजबूत करना और इसे अधिक प्रभावी तरीके से संचालित करना है, ताकि यह अपने उद्देश्यों को बेहतर तरीके से पूरा कर सके।
IFCI के शेयरों में बीते शुक्रवार को 4.55 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 60.99 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। हालांकि, पिछले एक साल में इसने करीब 115 फीसदी का मजबूत रिटर्न दिया है।
IFCI में बढ़ जाएगी सरकार की हिस्सेदारी
इस पूंजी निवेश के साथ कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी, जो सितंबर 2024 तक 71.72% थी, और बढ़ने की संभावना है। IFCI में पूंजी निवेश योजना को हाल ही में लोकसभा में 2024-25 के पहले अनुपूरक मांगों के अनुदान (Supplementary Demand for Grants) के माध्यम से मंजूरी दी गई। इस अनुपूरक अनुदान में IFCI की शेयर पूंजी में सब्सक्रिप्शन के लिए अतिरिक्त ₹499.99 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक कंसोलिडेशन प्लान को भी हरी झंडी दे दी है, जिसमें IFCI का उसकी कई सब्सिडियरीज के साथ विलय शामिल है, क्योंकि सरकार IFCI को उसकी वित्तीय और ऑपरेशनल चुनौतियों से निपटने में मदद कर रही है। इस साल की शुरुआत में IFCI ने सरकार को इक्विटी शेयर जारी करके ₹500 करोड़ की पूंजी जुटाई थी।
IFCI के बारे में
IFCI भारत का एक प्रमुख वित्तीय संस्थान है, जिसे भारत सरकार ने 1948 में स्थापित किया था। इसका मुख्य उद्देश्य औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। IFCI देश की सबसे पुरानी विकास वित्तीय संस्थाओं में से एक है और यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के रूप में कार्य करती है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। हमारी तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।