लगातार दो सप्ताह तक बायर रहने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों से 976 करोड़ रुपये निकाले हैं। मजबूत अमेरिकी डॉलर और अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड बढ़ने से निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित हुआ। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सप्ताह की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की। पहले दो कारोबारी सत्रों (16-20 दिसंबर) के दौरान उन्होंने शेयरों में 3,126 करोड़ रुपये का निवेश किया। हालांकि, बाद में उनके रुख में बदलाव आया और उन्होंने तीन सत्रों में 4,102 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की।
इस तरह सप्ताह के दौरान उन्होंने शुद्ध रूप से 976 करोड़ रुपये भारतीय शेयरों से निकाले। हालांकि, इसके बावजूद दिसंबर में FPI का रुख सकारात्मक बना हुआ है। उन्होंने माह के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 21,789 करोड़ रुपये डाले हैं।
क्यों सतर्क रुख अपना रहे हैं FPI
मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर, मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक और भविष्य की नीतिगत समीक्षा के नतीजों को लेकर अनिश्चितता के बीच FPI सतर्क रुख अपना रहे हैं। फेडरल रिजर्व ने इस साल तीसरी बार ब्याज दर में कटौती की है, लेकिन 2025 में केवल 2 बार रेट कट का संकेत दिया है। इससे निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित हुआ और वैश्विक बाजार में बिकवाली शुरू हो गई।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा हाई वैल्यूएशन, कंपनियों के सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों, दिसंबर के नतीजे कमजोर रहने के अनुमान, जीडीपी ग्रोथ की सुस्त रफ्तार और रुपये में गिरावट से विदेशी निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती और 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड बढ़ने की वजह से FPI बिकवाली कर रहे हैं। भारत से संबंधित मुद्दे मसलन ग्रोथ को लेकर चिंता और कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने की वजह से भी FPI का सेंटिमेंट प्रभावित हुआ है।
अक्टूबर और नवंबर में रहे थे सेलर
इससे पहले नवंबर में FPI ने भारतीय शेयरों से 21,612 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी। दिलचस्प बात यह है कि सितंबर में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों में 57,724 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जो 9 माह का उच्च स्तर था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में अब तक FPI का भारतीय शेयर बाजारों में निवेश 6,770 करोड़ रुपये रहा है।