टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा पावर ने मौजूदा वित्त वर्ष (2024-25) में 20000 करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर की योजना बनाई है। यह बीते वित्त वर्ष की तुलना में 66 फीसदी अधिक है। कंपनी इस कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ ऊर्जा बदलाव से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर फोकस देगी। टाटा पावर के CEO और MD प्रवीर सिन्हा ने आज 8 मई को यह जानकारी दी। प्रवीर सिन्हा ने कहा कि मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष (2023-24) में कैपिटल एक्सपेंडिचर करीब 12000 करोड़ रुपये था। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस साल हमारी 20000 करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर की योजना है।
20000 करोड़ रुपये कहां होंगे खर्च?
सिन्हा ने निवेश की डिटेल साझा करते हुए कहा कि कुल कैपिटल एक्सपेंडिचर का लगभग 50 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी (प्रोजेक्ट्स) पर खर्च होगा। शेष राशि ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और कोल बेस्ड प्लांट्स सहित अन्य सेक्टर्स के बिजनेस पर खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी कैपिटल एक्सपेंडिचर का फंड आंतरिक स्रोतों और कुछ कर्ज के माध्यम से करेगी।
31 मार्च 2024 तक टाटा पावर के पास 4.5 गीगावॉट रिन्यूएबल कैपिसिटी ऑपरेशन में है और अन्य 5.5 गीगावॉट प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इससे कुल ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो 10 गीगावॉट से अधिक हो गया है। कंपनी के पास 6277 Ckm (सर्किट किलोमीटर) ट्रांसमिशन लाइन पोर्टफोलियो है, जिसमें पाइपलाइन में 1,651 Ckm क्षमता भी शामिल है।
मार्च तिमाही में 11% बढ़ा मुनाफा
टाटा पावर का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 11 फीसदी बढ़कर 1,046 करोड़ रुपये रहा है। मुख्य रूप से आय बढ़ने से कंपनी का लाभ बढ़ा है। कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एक साल पहले 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में उसे 939 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट हुआ था। हालांकि, इसका नेट प्रॉफिट पिछली तिमाही से फ्लैट रहा क्योंकि इसने Q3FY24 में 1076 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।