Sugar Commodity: खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार का फिलहाल चीनी एक्सपोर्ट दोबारा शुरू करने का काई इरादा नहीं है। पहले घरेलू मांग पूरा होगी फिर फैसला लेगें। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का ने अपने बयान में कहा है कि सरकार अभी एक्सपोर्ट के पक्ष में नहीं है खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा घरेलू मांग को पूरा करना पहली प्राथमिकता है। मांग के बाद एथेनॉल के उत्पादन पर भी फोकस होगा। गन्नों की पेराई, उत्पादन पर सरकार की नजर है। उन्होंने कहा कि सरकार सरप्लस चीनी के इस्तेमाल पर फैसला लेगी।
बता दें कि 1 अक्टूबर 2024 को 79 लाख का ओपनिंग स्टॉक है। 2022-23 के बाद से एक्सपोर्ट पर बैन लगा है जबकि 2022-23 में 60 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ थे।
इंडस्ट्री की सरकार से एक्सपोर्ट खोलने की अपील की है।इंडस्ट्री ने 20 लाख टन एक्सपोर्ट को मंजूरी देने की अपील की है। इंडस्ट्री की देश में चीनी अच्छी सप्लाई की दलील है।
इसके क्या कारण हैं? क्या देश में चीनी की उत्पादन कम है? स्टॉक कम है? या फिर कुछ और? इस पर बात करते हुए नेशनल फेडरेशन ऑफ कोओपरेटिंग शुगर फैक्ट्ररी (NFCSF) के MD प्रकाश नाइकनवरे का कहना है कि बारिश ज्यादा से भी ज्यादा उत्पादन नहीं होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र, कर्नाटक में गन्ने में फ्लावरिंग हो रही है। फ्लावरिंग से गन्ने का बढ़ना रुक जाता है। उत्तर प्रदेश में भी कम उत्पादन होने की उम्मीद है। चीनी का मिनिमम सेलिंग प्राइस बढ़ाने की मांग है। एक्स मिल और रीटेल भाव में 8 रुपये का फर्क होना चाहिए था।
उन्होंने आगे कहा कि आज इंटरनेशनल मार्केट में चीनी के दाम स्थिर हैं। देश में चीनी के दाम काफी गिरे हैं। भारत एक्सपोर्ट करता है तो कीमतों पर असर पड़ेगा। सरकार से चीनी का मिनिमम सेलिंग प्राइस बढ़ाने की मांग है। आज 1 किलो चीनी बनाने में 41.66 रुपये का खर्च आता है। 41.66 रुपये के नीचे बेचने पर इंडस्ट्री को नुकसान होता है। इंडस्ट्रीज की देश में चीनी की अच्छी सप्लाई की दलील है। सरकार से चीनी का मिनिमम सेलिंग प्राइस बढ़ाने की मांग है।
प्रकाश नाइकनवरे ने आगे कहा कि 320 लाख टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है। 280 लाख टन चीनी के खपत की उम्मीद है। 40 लाख टन चीनी एथेनॉल के लिए डायवर्ट होगी। क्लोजिंग स्टॉक 15-20 लाख टन रहने की उम्मीद है।