मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के निशाने पर रही कंपनी इबिक्सकैश (EbixCash) और इसकी प्रमोटर इबिक्स (Ebix) को पब्लिक इश्यू रेगुलेशंस के उल्लंघन का दोषी पाया है। इसके तहत कंपनी को तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का दोषी ठहराया गया है। हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने इस कंपनी पर रेवेन्यू में फर्जीवाड़ा संबंधी आरोप लगाया था।
मार्केट रेगुलेटर ने कंपनी और इसकी प्रमोटर इकाई पर 19 दिसंबर को कुल 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इबिक्सकैश ने भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन 2023 में कंपनी इस प्रोसेस से पीछे हट गई थी। सेबी का कहना था कि प्रमोटर इकाई इबिक्स की तरफ से हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सिलसिले में 6 जुलाई 2023 को जो प्रेस रिलीज जारी कई थी, उसमें रेवेन्यू रीस्टेटमेंट के असर और अदालती कार्यवाही के बारे में गलत जानकारी दी गई थी।
रेगुलेटर ने इस बात की जांच की थी कि क्या प्रेस रिलीज में अन्य चीजों के अलावा गलत डिस्कलोजर दिए गए थे? जांच-पड़ताल में रेगुलेटर ने पाया कि रेवेन्यू रीस्टेटमेंट ‘नंबर के हिसाब महत्वहीन’ था, लेकिन रेवेन्यू रीस्टेटमेंट के आंकड़ों में 64 पर्सेंट से भी ज्यादा का बदलाव देखने को मिला। सेबी के आदश में कहा गया है, ‘रेवेन्यू आंकड़ों में 64 पर्सेंट से भी ज्यादा बदलाव नंबर से जुड़ी अप्रसांगिकता के दावे को कमजोर करता है और कंपनी द्वारा पेश किए गए डिस्क्लोजर की पारदर्शिता की पारदर्शिता को लेकर भी अहम सवाल खड़े करता है।’