Cash loan limit: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कैश लोन की लिमिट को लेकर एक लेटर जारी किया है। इस लेटर में आरबीआई ने गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों (NBFC) को कैश लोन की लिमिट के अपने नियम का पालन करने के लिए कहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने एनबीएफसी को कैश लोन लिमिट में 20,000 रुपये की लिमिट का सख्ती से पालन करने के लिए कहा।
क्या है लेटर में
आरबीआई ने लेटर में कहा है- कृपया आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269एसएस के प्रावधानों को देखें, जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति नकद में लोन अमाउंट के रूप में 20,000 रुपये से अधिक प्राप्त नहीं कर सकता है। ऐसे में किसी भी एनबीएफसी को 20,000 रुपये से अधिक की ऋण राशि नकद में नहीं देनी चाहिए।
कोविड के बाद रिटेल लोन में इजाफा
बता दें कि कोविड महामारी के बाद रिटेल लोन में वृद्धि हुई है। इसको लेकर केंद्रीय रिजर्व बैंक चिंतित नजर आ रहा है। इसके साथ ही आरबीआई बीते कुछ समय से नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों पर भी सख्त है और लोन प्रोडक्ट्स की निगरानी कर रहा है। हाल में ही रिजर्व बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस को ऋण प्रबंधन में बड़ी खामियों के कारण नए ग्राहकों के लिए अपने गोल्ड लोन सुविधा तुरंत रोकने का निर्देश दिया था। आईआईएफएल फाइनेंस का गोल्ड लोन परिचालन इसके कारोबार का एक तिहाई हिस्सा है।
हाउसिंग सेक्टर के बकाया लोन में इजाफा
हाउसिंग सेक्टर के लिए बकाया लोन पिछले दो वित्त वर्षों में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये बढ़कर इस साल मार्च में रिकॉर्ड 27.23 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंकिंग और रियल एस्टेट क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड महामारी के बाद आवासीय संपत्ति बाजार में दबी मांग सामने आने के चलते होम लोन बकाया में वृद्धि हुई।