रिजर्व बैंक ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को कैश लोन के मामले में 20,000 रुपये की सीमा का पालन करने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि इसका मकसद कैश ट्रांजैक्शंस को नियंत्रित करना है। रिजर्व बैंक (RBI) ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को लिखी चिट्ठी में कहा है, ‘ कृपया इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 269एसएस के प्रावधानों का ध्यान रखें, जिनमें कहा गया है कि कोई भी शख्स लोन की राशि के तहत 20,000 से ज्यादा कैश नहीं ले सकता है। लिहाजा, किसी भी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी को 20,000 से ज्यादा कैश का भुगतान नहीं करना चाहिए।’
रिजर्व बैंक ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को यह चिट्ठी IIFL फाइनेंस पर कार्रवाई के बाद लिखी है, जिसे कई नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। कंपनी को लोन के भुगतान और कलेक्शन में भी वैधानिक सीमा के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। इस घटनाक्रम की जानकारी देने वाली सभी सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बात की है। रिजर्व बैंक ने इस मामले में भेजी गई ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में बजाज फाइनेंस के ‘ईकॉम’ और ऑनलाइन या डिजिटल इंस्टा EMI कार्ड सेगमेंट पर नए लोन की मंजूरी और डिस्ट्रीब्यूशन पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया था। 15 नवंबर, 2023 को RBI ने बजाज फाइनेंस को अपने दो लोन उत्पादों ‘ईकॉम’ और ‘इंस्टा ईएमआई कार्ड’ के तहत लोन की मंजूरी और वितरण को तत्काल रोकने का आदेश दिया था।