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Palm Oil Price: 3 हफ्तों के निचले स्तरों पर पहुंचा दाम, 2025 में क्या कीमतों में आएगा उछाल, जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा

Palm Oil Price:इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट का असर पाम ऑयल पर देखने को मिल रहा है। 3 हफ्तों के निचले स्तरों पर पाम के दाम पहुंचे है। मलेशिया में पाम ऑयल के दाम 4800 रिंग्गित के नीचे फिसले है। वहीं नवंबर में पाम ऑयल के दाम 5195 रिंग्गित तक पहुंचे थे।बता दें कि इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आई है। सोयाबीन का भाव 2 महीनों के नीचे फिसला है। सोयाबीन का भाव $970 के नीचे फिसला है। पाम की मांग में भी गिरावट आई है यहीं कारण पाम ऑयल की कीमतों में दबाव दिख रहा है। मलेशिया के पाम एक्सपोर्ट में भी गिरावट आई है।

पाम ऑयल की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में पाम ऑयल में 4 फीसदी की गिरावट आई है जबकि 1 महीने में इसमें 6 फीसदी टूटा है। 2024 में अब तक पाम ऑयल की कीमतों में 25 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है जबकि 1 साल में इसमें 24 फीसदी का उछाल देखने को मिला।

वहीं सोयाबीन के चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में सोयाबीन में 3 फीसदी की गिरावट आई है जबकि 1 महीने में इसमें 3 फीसदी टूटा है। 2024 में अब तक सोयाबीन की कीमतों में 25 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है जबकि 1 साल में इसमें 27 फीसदी का दबाव देखने को मिला।

खाने के तेल के रिटेल दाम के आंकड़ों पर नजर डालें तो मूंगफली के रिटेल दाम 1 महीने में 0.18 फीसदी की गिरावट आई है जबकि 1 साल में इसमें 1 फीसदी का उछाल आया है। वहीं सरसों की रिटेल दाम 1 महीने में 0.37 फीसदी चढ़े है जबकि 1 साल में इसमें 23 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। RBD पामोलीन का रिटेल दाम 1 महीने में 2 फीसदी और 1 साल में 18 फीसदी उछला है।

इसी तरह सनफ्लावर के रिटेल दाम में 1 महीने में 2 फीसदी और 1 साल में 24 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है जबकि पाम ऑयल के रिटेल भाव 1 महीने में 3 फीसदी चढ़ा है जबकि 1 साल में इसमें 36 फीसदी का इजाफा हुआ है।

2025 के लिए क्या है आउटलुक

सिमे डार्बी ऑयल्स के सीईओ संदीप भान का कहना है कि पाम ऑयल के दाम दूसरे ऑयल से ज्यादा हो गए है। 40 साल पहले पाम प्रीमियम ऑयल बना था। अगले साल Q1 तक पाम प्रीमियम ऑयल बना रह सकता है।उन्होंने आगे कहा कि पाम का उत्पादन कम हो रहा है। बायोफ्यूल में पाम ऑयल का इस्तेमाल बढ़ेगा।

संदीप भान ने आगे कहा कि पाम का ग्लोबल उत्पादन 80 मिलियन टन हैं। भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा इंपोर्टर है। पाम के दाम ज्यादा रहने पर भारत इंपोर्ट घटा सकता है। दूसरे तेलों के दाम पाम ऑयल से कम बने हुए हैं।

संदीप भान ने आगे कहा कि पाम ऑयल की कीमतों पर टैक्स की बड़ी भूमिका होगी। बाजार मे खरीदार हैं, लेकिन ज्यादा दाम नहीं देना चाहते है। पाम ऑयल की मांग घटना बड़ी चिंता की बात नहीं है। बीते 4 दिनों से पाम के दाम गिर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि 100 डॉलर दाम गिरने पर भी भारत ने इंपोर्ट ज्यादा नहीं किया है। पाम ऑयल की कीमतों में आगे और भी गिरावट की उम्मीद है।

(डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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