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क्या सिर्फ लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स को ही यस बैंक में निवेश के विकल्प पर गौर करना चाहिए?

यस बैंक का स्टॉक पिछले कुछ समय से अंडर-परफॉर्मर रहा है। पिछले 3 महीने में कंपनी के शेयरों में 8 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली है, जबकि इस दौरान निफ्टी में 2.6 पर्सेंट की गिरावट रही है। हालांकि, बैंक द्वारा अपनी स्ट्रेस्ड एसेट्स का बड़ा हिस्सा एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी को ट्रांसफर किए जाने और प्रमोटर SBI द्वारा स्टेक सेल की चर्चा गरम होने के बाद कंपनी के वित्तीय नतीजों में सुधार दिखा है। हालांकि, बैंक के रिटर्न ऑन एसेट्स के कमजोर आंकड़ों को देखते हुए हमें लगता है कि कंपनी की वैल्यूएशन सही नहीं है और निवेशकों को इससे ऊपर की डील के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार करना पड़ सकता है। कंपनी का करेंट मार्केट कैपिटल 68,468 करोड़ रुपये और मार्केट प्राइस 21.84 रुपये है।

डिपॉजिट के मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन

डिपॉजिट हासिल करने के लिए तेज कॉम्पिटिशन के बीच इस मामले में यस बैंक का प्रदर्शन बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में यस बैंक की सालाना डिपॉजिट ग्रोथ 18 पर्सेंट रही, जबकि तिमाही आधार पर इसमें 4.6 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा, बैंक ने इंडस्ट्री के ट्रेंड के उलट अपने करेंट एंड सेविंग्स एकाउंट (CASA) डिपॉजिट में शानदार ग्रोथ हासिल की। इसका CASA रेशियो कुल डिपॉजिट का 32 पर्सेंट रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 29.4 पर्सेंट था।

रिटेल सेगमेंट से लोन ग्रोथ को पहुंची चोट

डिपॉजिट में मजबूत ग्रोथ के उलट बैंक की लोन ग्रोथ की परफॉर्मेंस कमजोर रही। इसकी सालाना ग्रोथ 12.4 पर्सेंट और तिमाही आधार पर यह ग्रोथ 2.4 पर्सेंट रही। लोन ग्रोथ को लेकर स्ट्रैटेजी संभवतः जानबूझकर अपनाई गई है, ताकि बढ़ते एनपीए को काबू में किया जा सके। आने वाले समय में बैंक मार्जिन और एसेट क्वॉलिटी, दोनों लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए अपनो लोन बुक को बढ़ाएगा।

स्थिर नेट इंटरेस्ट मार्जिन

डिपॉजिट की हालत में सुधार की वजह से बैंक अपनी कॉस्ट ऑफ डिपॉजिट स्थिर रखने और फंड्स की कुल कॉस्ट को थोड़ा सा कम करने में सफल रहा। इस वजह से इंटरेस्ट मार्जिन में स्थिरता देखने को मिली। नॉन-इंटरेस्ट इनकम के मोर्चे पर भी बैंक का प्रदर्शन बेहतर रहा और एवरेज एसेट्स की कोर फीस 1.3 पर्सेंट रही और कुल नॉन-इंटरेस्ट अर्निंग में भी बढ़त रही।

बैंक की ओवरऑल एसेट क्वॉलिटी स्थिर रही है। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में यस बैंक का ग्रॉस और नेट एनपीए क्रमशः 1.6 पर्सेंट और 0.5 पर्सेंट रहा, जबकि प्रोविजन कवर 70 पर्सेंट था। हालांकि, 1,314 करोड़ रुपये की ग्रॉस स्लिपेज ( लोन का 2.2 पर्सेंट) तिमारी आधार पर ज्यादा रही। मैनेजमेंट का कहना है कि रिटेल स्लिपेज का 35-40 पर्सेंट हिस्सा अनसिक्योर्ड बुक की वजह से है।

आपको यस बैंक के विकल्प पर क्यों गौर करना चाहिए?

किसी भी निवेशक के लिए प्रमुख आकर्षण संभावित डील होती है। हमारा मानना है कि ग्रोथ के मोर्चे पर बेहतर स्थिति की वजह से बैंक को भारतीय बाजार में संभावित पार्टनर मिल सकता है। हालांकि, इसकी समयसीमा अनिश्चित है, लिहाजा ज्यादा जोखिम वाले और लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स को ही इस शेयर में निवेश पर विचार करना चाहिए।

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