स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर पर निर्णय, थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के प्रवाह पर निर्भर करेगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा आगे के संकेतकों के लिए निवेशक वैश्विक रुझान पर निगाह रखेंगे। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘‘ भारतीय शेयर बाजार का भविष्य का रुख वैश्विक और घरेलू कारकों पर निर्भर करेगा।
वैश्विक रुझान, विशेष रूप से अमेरिकी बाजारों का प्रदर्शन और फेडरल रिजर्व का नीतिगत निर्णय, इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार की धारणा के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों का प्रवाह बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। गौड़ ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी बाजार भागीदारों की निगाह रहेगी।
घरेलू व्यापक आर्थिक आंकड़ों की बात करें, तो सोमवार को थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर सभी की निगाह रहेगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार की निगाह अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक पर रहेगी। फेडरल रिजर्व प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा, बाजार इस बात को पहले ही मानकर चल रहा है। भविष्य में नीतिगत दर को लेकर अमेरिकी केंद्रीय बैंक की टिप्पणी भी महत्वपूर्ण होगी।’’
पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 623.07 अंक या 0.76 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 90.5 अंक या 0.36 प्रतिशत के लाभ में रहा। एक विश्लेषक ने कहा कि कहा कि निवेशकों की निगाह घरेलू मोर्चे पर सोमवार को जारी होने वाले थोक मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी रहेगी।