10 दिसंबर को भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 24,600 के आसपास सपाट स्तर पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1.59 अंक 81,510.05 पर और निफ्टी 8.95 अंक या 0.04 फीसदी गिरकर 24,610.05 पर बंद हुआ। लगभग 1970 शेयरों में तेजी आई, 1828 शेयरों में गिरावट आई और 122 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
भारती एयरटेल, अडानी पोर्ट्स, अडानी एंटरप्राइजेज, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज और एचडीएफसी लाइफ सेंसेक्स के टॉप लूजर रहे। जबकि बजाज फिनसर्व, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो और श्रीराम फाइनेंस सेंसेक्स के टॉप गेनर रहे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 0.3 फीसदी की बढ़त रही। सेक्टोरल फ्रंट पर पॉवर, टेलीकॉम और मीडिया में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई। जबकि आईटी, मेटल, पीएसयू बैंक और रियल्टी में 0.4-1 फीसदी की बढ़त हुई।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि फ्लैट ओपनिंग के बाद निफ्टी हल्की तेजी आई। लेकिन जल्दी ही बिकवाली का दबाव बनता दिखा। इसके बाद निफ्टी 24,550 के अपने तत्काल सपोर्ट को छूता नजर आया। कारोबारी सत्र के अंतिम घंटे में चुनिंदा हैवीवेट ने इंडेक्स को ऊपर की ओर बढ़ने में सपोर्ट दिया। अंत में निफ्टी 8.95 अंकों के नुकसान के साथ 24,610.05 पर बंद हुआ। रियल्टी सेक्टर ने 1 फीसदी से अधिक की बढ़त के साथ अपने बेहतर प्रदर्शन को जारी रखा। उसके बाद आईटी और पीएसयू बैंक में भी अच्छी तेजी रही। दूसरी तरफ मीडिया और एनर्जी शेयरों की सबसे ज्यादा पिटाई हुई। मिड और स्मॉलकैप दिन के अंत में हरे निशान में बंद हुए। इन्होंने बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया।
डेली चार्ट पर,निफ्टी 50 इंडेक्स ने हैमर जैसा पैटर्न बनाया है जो बताता है कि 24,500-24,550 पर एक मजबूत बॉटम/सपोर्ट नजर आ रहा है । यहां से निफ्टी 24,850 के हाल के हाई की ओर बढ़ने के लिए तैयार है।
एंजेल वन के तकनीकी और डेरिवेटिव विश्लेषक ओशो कृष्ण का कहना है अनुकूल वैश्विक बाजार स्थितियां और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी आईटी शेयरों में तेजी की भावना को बढ़ावा दे रही है। यह मोमेंटम कुछ समय तक बने रहने की संभावना है।
ब्रॉडर मार्केट के बारे में बात करते हुए ओशो कृष्ण ने कहा कि सीपीआई डेटा का उम्मीदों के अनुरूप होना सकारात्मक संकेत हो सकता है। हालांकि निफ्टी के अभी 24,400-24,800 के कंसोलीडेशन दायरे में रहने की ही संभावना है।
इसके अलावा चाइना के प्रोत्साहन उपायों की उम्मीदों ने बाजार में दिलचस्पी जगाई है। बीजिंग ने नरम मौद्रिक निति अपनाने और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की योजना की घोषणा की है। चीन में 14 सालों में पहली बार ऐसा नीतिगत बदलाव देखने को मिला है।
इन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करते हुए बाजार के दिग्गज सुनील सुब्रमण्यन ने चीन के कदमों पर प्रतिक्रिया करते समय धैर्य रखने की सलाह दी है। उन्होंने मनीकंट्रोल से हुआ बातचीत में कहा कि चीन का यह कदम ट्रंप द्वारा चीन के खिलाफ टैरिफ लगाए जाने का जवाब देने का एक तरीका हो सकता है। पिछली बार जब चीन ने इस तरह के कदम की घोषणा की थी तो उसका क्रियान्वयन काफी निराशाजनक रहा था।
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