महिंद्रा ग्रुप इंडिया के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप में से एक है। इस ग्रुप की मौजूदगी आईटी, बैंकिंग, ऑटो, फार्म इक्विपमेंट सहित कई सेक्टर में है। मनीकंट्रोल ने ग्रुप के एमडी और सीईओ अनीश शाह से बातचीत कर समूह के फ्यूचर प्लान, एसेट एलोकेशन, न्यू वेचर्स आदि के बारे में जानने की कोशिश की। शाह ने महिंद्रा समूह के बारे में कई अहम बातें बताई। उन्होंने कहा कि ग्रुप का अगले तीन साल में करीब 30,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान है। यह निवेश इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सोलर एनर्जी और फार्म मशीनरी सहित कई सेक्टर में होगा।
ऑटो बिजनेस में 25000 करोड़ पूंजीगत खर्च का प्लान
शाह ने बताया कि महिंद्रा समूह हेल्थकेयर, ड्रोन और कंज्यूमर से जुड़े सेगमेंट्स में भी निवेश के मौकों पर विचार कर रहा है। नया वेंचर समूह की ताकत को बढ़ाने वाला होना चाहिए। इससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलेगा। उन्होंने कहा कि समूह ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बड़ा निवेश किया है। ऑटो बिजनेस में करीब 25,000 पूंजीगत खर्च का प्लान है। इसके अलावा ग्रुप फार्म सेक्टर खासकर फार्म मशीनरी में निवेश कर रहा है। ग्लोबल एक्सपैंशन के साथ ही ग्रोथ के नए क्षेत्रों पर ग्रुप की नजरें हैं।
सोलर बिजनेस के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
उन्होंने कहा कि ग्रुप के सोलर बिजनेस का प्रदर्शन भी काफी अच्छा है। हमें इसके बढ़कर कई गुना हो जाने की उम्मीद है। लॉजिस्टिक्स, लाइफ स्पेस और हॉलीडेज में भी अच्छी ग्रोथ की संभावना है। ग्रुप ने कैपिटल ऐलोकेशन के लेकर अनिशासित एप्रोच और ठोस स्ट्रेटेजी अपनाई है। इस स्ट्रेटेजी से ग्रोथ के मौकों की पहचान करन में मदद मिली है। इससे पिछले तीन सालों में ग्रुप का प्रदर्शन अच्छा रहा है। ग्रुप ने अपने कैश में करीब 20,000 करोड़ रुपये का इजाफा किया है। इसमें बिजेनेसेज के अच्छे प्रदर्शन का बड़ा हाथ है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए नई कंपनी
उन्होंने कहा कि कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए नई कंपनी बनाई है, जिसका नाम महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोटिव है। इसमें BII और Temasek दोनों ने इनवेस्ट किया है। इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के लिए ग्रुप ने अलग कंपनी बनाई है, जिसमें IFC और इंडिया-जापान फंड ने निवेश किया है। पिछले कुछ समय से ऑटो बिजनेस के अलग होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हर कुछ महीने बाद इस तरह की चर्चा सुनने को मिलती है। सच यह है कि ग्रुप का ऐसा कोई प्लान नहीं है। इसकी वजह यह है कि हमारा फोकस लॉन्ग टर्म बिजनेसेज पर है।