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Vodafone-idea के FPO से निवेश बैंकर हुए मालामाल, 287 करोड़ रुपये की फीस का किया भुगतान

हाल में संपन्न वोडाफोन आइडिया के फॉलो-ऑन सार्वजनिक निर्गम (Vodafone-Idea FPO) ने न केवल वित्तीय संकट से जूझ रही इस दूरसंचार ऑपरेटर को खुश कर दिया बल्कि उसके निर्गम का प्रबंधन करने वाले तीन निवेश बैंकों को भी मालामाल कर दिया है।

कंपनी की ओर से दाखिल अंतिम दस्तावेज के अनुसार वोडाफोन आइडिया ने बुक रनिंग लीड मैनेजर (बीआरएलएम) फीस के तौर पर 287 करोड़ रुपये का भुगतान किया है जो उसके निर्गम का करीब 1.6 फीसदी है।

प्राइम डेटाबेस के अनुसार यह देश में एफपीओ अथवा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) द्वारा निवेश बैंकरों को भुगतान की गई दूसरी सबसे बड़ी फीस है। अब तक की सबसे अधिक बीआरएलएम फीस का भुगतान पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने किया था। उसने नवंबर 2021 में अपने 18,300 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए निवेश बैंकरों को 324 करोड़ रुपये के शुल्क का भुगतान किया था।

मगर उसके आईपीओ का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। उसके शेयर पहले ही दिन 27 फीसदी लुढ़क गए जो 1,000 करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक के आईपीओ के लिए पहले दिन का सबसे खराब प्रदर्शन था।

वोडाफोन आइडिया के एफपीओ से बैंकरों को अच्छी कमाई हुई है। इस शुल्क को तीनों निवेश बैंकों के बीच बांटा जाएगा। आम तौर पर इतने बड़े सौदे को करीब आधा दर्जन बैंकरों संभालते हैं।

उदाहरण के लिए पेटीएम ने 7 बीआरएलएम नियुक्त किए थे। वोडाफोन आइडिया का एफपीओ देसी बाजार में अब तक का सबसे बड़ा निर्गम था। अगर आईपीओ और एफपीओ दोनों को मिला दिया जाए तो यह सौदा सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ( 20,557 करोड़ रुपये) और पेटीएम के बाद तीसरा सबसे बड़ा सौदा था। यह 2020 में येस बैंक के 15,000 करोड़ रुपये के एफपीओ से भी बड़ा सौदा था।

निवेश बैंकरों के लिए सभी बड़े सौदे, खास तौर पर सरकारी कंपनियों के सौदे अधिक आकर्षक नहीं होते हैं। एलआईसी (LIC) ने निवेश बैंकरों को बीआरएलएम फीस के तौर पर 11.8 करोड़ रुपये का भुगतान किया था और वह रकम 16 निवेश बैंकरों के बीच बंट गई थी।

येस बैंक (Yes Bank) ने भी अपने एफपीओ के लिए 8 निवेश बैंकरों को 93 करोड़ रुपये फीस का भुगतान किया था जो अपेक्षाकृत कम है। येस बैंक का एफपीओ सरकार द्वारा स्वीकृत बचाव पैकेज का हिस्सा था।

दिलचस्प है कि सरकार वोडाफोन आइडिया में भी सबसे बड़ी शेयरधारक है, मगर उसे सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जबकि आदित्य बिड़ला समूह और ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन पीएलसी इसके प्रवर्तक हैं।

एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘वोडाफोन आइडिया के एफपीओ को अंतिम मुकाम तक पहुंचाना आसान नहीं था। उसके ऊंचे ऋण स्तर और अनिश्चित कारोबारी परिदृश्य के मद्देनजर लंबी अवधि के निवेशकों को आकर्षित करना आसान काम नहीं था। बिड़ला समूह द्वारा निर्गम मूल्य से 35 फीसदी अधिक कीमत पर करीब 2,075 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश किए जाने से इस सौदे के लिए माहौल तैयार हुआ।’

नए शेयरों के सूचीबद्ध होने के बाद आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि इस इक्विटी निवेश से कंपनी को तेजी से पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश को तीन दमदार वायरलेस टेलीफोनी नेटवर्क की जरूरत है।

वोडाफोन आइडिया के एफपीओ (Vodafone-Idea FPO) को संभालने वाले तीन निवेश बैंकरों में ऐक्सिस कैपिटल, जेफरीज और एसबीआई कैपिटल शामिल हैं। डीलॉजिक डेटा के अनुसार इस सौदे के बाद जेफरीज और ऐक्सिस की रैंकिंग 2024 के इक्विटी पूंजी बाजार (ईसीएम) लीग में क्रम से तीसरी और पांचवीं हो गई है। फिलहाल अमेरिकी निवेश बैंकर सिटी और बोफा शीर्ष पायदान पर हैं।

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