यूटीआई एएमसी के वाइस प्रेसीडेंट और फंड मैनेजर इक्विटीज कार्तिकराज लक्ष्मणन ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि निवेशकों को पिछले 4 साल में 18-19 फीसदी सीएजीआर रिटर्न मिला है। लेकिन अब आगे के 2-3 सालों में बाजार से इतने रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती। हमें अपनी रिटर्न की उम्मीदों को कम करना होगा।
पिछले 4 सालों में आय में 18-19 फीसदी सालाना के आसपास की अच्छी ग्रोथ हुई है। लेकिन वित्त वर्ष 2025 के दूसरी तिमाही के बाद वित्त वर्ष 2025 के लिए कुछ डाउनग्रेड देखने को मिले हैं। आमधारण है कि वित्त वर्ष 2026 में भी डाउनग्रेडिंग का जोखिम रहेगा और इस दौरान ग्रोथ रेट 10-11 फीसदी (early teen)के आसपास रह सकती है।
बड़े निजी बैंकों का वैल्यूएशन अपेक्षाकृत आकर्षक
कार्तिकराज का कहना है कि इस समय बड़े निजी बैंकों का वैल्यूएशन अपेक्षाकृत आकर्षक है। इक्विटी मार्केट और फंड मैनेजमेंट में 17 साल का अनुभव रखने वाले वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट कार्तिक ने कहा कि “मार्केट फंडामेंटल्स काफी हद तक मजबूत बने हुए हैं और ग्रोथ के लिए रनवे बहुत लंबा है।”
दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं
उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7 तिमाही के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई है। इससे दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। हालांकि,अक्टूबर 2024 में 6.21 फीसदी पर रही रिटेल महंगाई, खाने-पीने की चीजें महंगी होने के कारण बढ़ी है। हालांकि कोर मंहगाई 4 फीसदी से नीचे नियंत्रण में बनी हुई है। भारतीय करेंसी भी काफी स्थिर रही है,लेकिन हाल के दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और रुपये में आई कमजोरी ने भी दर कटौती में देरी की है।
CRR कटौती सिस्टम में नकदी बढ़ाने में करेगी मदद
अगर हम महामारी की अवधि को छोड़ दें, तो सबसे कम रेपो दर 6 रही रही है। ऐसे में आगे इसमें और कटौती के लिए कुछ गुंजाइश बनती है। अगर RBI की अपेक्षाओं के अनुसार FY26 के मध्य तक रिटेल महंगाई 4 फीसदी के आसपास आती है तो दरों में कटौती देखने को मिल सकती है। बड़ा मुद्दा बैंकिंग प्रणाली की नकदी में कमी है जो पिछले कुछ महीनों से कम हो रही थी। 50 bps की CRR कटौती सिस्टम में नकदी बढ़ाने में मदद कर सकती है।
आईटी सेक्टर पर भी ओवरवेट
कार्तिकराज ने बाजार पर बात करते हुए आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में बाजार में आई जोरदार तेजी के चलते ऐसे बहुत कम सेक्टर हैं जो सस्ते और आकर्षक हैं। हालांकि,बड़े निजी बैंकों वैल्यूएशन अपेक्षाकृत आकर्षक हैं। प्राइवेट बैंक लंबी अवधि के निवेश के लिए अच्छे दिख रहे हैं। कार्तिकराज आईटी सेक्टर पर भी ओवरवेट है। उसके अलावा उनको आईटी कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी से जुड़ी कुछ कंपनियां निवेश के लिए अच्छी लग रही है।
डिस्क्लेमर: दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।