नई दिल्ली: दलाल स्ट्रीट पर तेजी का माहौल है। बाजार में उत्साह है। विदेशी निवेशक खरीद रहे हैं। कमजोर तिमाही नतीजों और जीडीपी आंकड़ों के बावजूद बाजार ऊपर जा रहा है। इस तेजी के पीछे कई कारण हैं। इनमें एफआईआई की वापसी, अमेरिकी बाजारों में तेजी और भारत में आर्थिक सुधार की उम्मीदें शामिल हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार और ऊपर जा सकता है। आइए, यहां विस्तार से इस तेजी की पूरी कहानी समझते हैं।पिछले कुछ दिनों में शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आया है। सेंसेक्स 82,000 के लेवल के पास पहुंच गया है। पिछले पांच कारोबारी सत्रो में बीएसई का यह संवेदी सूचकांक 2700 अंक से ज्यादा बढ़ा है। निफ्टी भी 24,700 के ऊपर है। यह तेजी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शुरू हुई। इस तेजी को एफआईआई आगे बढ़ा रहे हैं। अक्टूबर और नवंबर में भारी बिकवाली के बाद एफआईआई ने दिसंबर में अब तक लगभग 13,900 करोड़ रुपये लगाए हैं।
लौट रहे हैं विदेशी निवेशक
एक्सपर्ट्स के अनुसार, एफआईआई का खरीदार बनना बाजारों के लिए पॉजिटिव है, खासकर लार्जकैप के लिए। बैंकिंग शेयरों में मजबूती बैंक निफ्टी को सर्वकालिक ऊंचे स्तर पर ले जाने की क्षमता रखती है। इससे निफ्टी को भी ऊपर जाने में मदद मिल सकती है।
अमेरिकी बाजारों में तेजी का भी भारतीय बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा है। फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल के बयान से अमेरिकी बाजारों में उत्साह बढ़ा है। पॉवेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था उल्लेखनीय रूप से अच्छी स्थिति में है। इस बयान के बाद डॉव जोन्स पहली बार 45,000 के ऊपर बंद हुआ।
आगे कैसी रहेगी चाल?
एक्सिस सिक्योरिटीज के नीरज चडावर के मुताबिक, ‘हमारा मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के बेहतरीन दौर में है। अस्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच यह स्थिरता का केंद्र बनी हुई है… हमारा अनुमान है कि निफ्टी की कमाई वित्त वर्ष 2023-27 में 14% की शानदार सीएजीआर से बढ़ेगी।’ एक्सिस सिक्योरिटीज ने अगले 12 महीनों में निफ्टी के लिए 26,100 का टारगेट रखा है। जबकि बुल केस में यह 28,700 तक जा सकता है।
कमजोर जीडीपी आंकड़ों से भी बाजार को उम्मीद है कि आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में सीआरआर में कटौती कर सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर एफआईआई खरीदारी जारी रखते हैं तो निफ्टी और ऊपर जा सकता है। दो हफ्ते पहले दलाल स्ट्रीट मंदी के दौर से गुजर रहा था। अब निफ्टी अपने सर्वकालिक ऊंचे स्तर 26,277 से सिर्फ 6% दूर है। बाजार का मिजाज भी ‘सेल-ऑन-राइज’ से ‘बाय-ऑन-डिप’ में बदल गया है।
क्वांट म्यूचुअल फंड के संदीप टंडन कहते हैं, ‘नवंबर के सर्विस पीएमआई आंकड़ों में स्थिरता महंगाई में बढ़ोतरी के बावजूद व्यावसायिक गतिविधियों में स्थिरता को दर्शाती है। हमारा मानना है कि बाजार में सुधार की क्षमता है। धीरे-धीरे यह इस पॉइंट से ऊपर बढ़ेगा। हम देख रहे हैं कि धारणाएं नकारात्मक हो रही हैं। कई सेगमेंट उपेक्षित वाले क्षेत्र में आ गए हैं। क्वांट म्यूचुअल फंड के हमारे दृष्टिकोण से बाजारों पर रचनात्मक होने और बाजार के कुछ सेगमेंट में चुनिंदा रूप से पोजीशन बनाने का सही समय है। इनमें तेजी से उबरने की क्षमता है।’
ऐतिहासिक बाजार पैटर्न भी बताते हैं कि दिसंबर बाजार के लिए तेजी का महीना रहा है। पिछले 24 सालों में दिसंबर का महीना 71% बार सकारात्मक रहा है। बजाज ब्रोकिंग का विश्लेषण बताता है कि निफ्टी 24,800 और 25,200 के बीच के स्तर को छू सकता है।
गुरुवार को पांचवें दिन रही तेजी
स्थानीय शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार पांचवें दिन भी तेजी जारी रही। बीएसई सेंसेक्स 809 अंक से अधिक चढ़ गया। वहीं, एनएसई निफ्टी बढ़कर 24,700 के पार पहुंच गया। अमेरिकी बाजार में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी प्रवाह के बीच आईटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा। बीएसई सेंसेक्स 809.53 अंक यानी एक फीसदी उछलकर 81,765.86 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,361.41 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 240.95 अंक यानी 0.98 फीसदी चढ़कर 24,708.40 अंक पर बंद हुआ।
(डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, stock market news के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।)