शेयर बाजार में पिछले 2 दिनों से अच्छी तेजी देखी जा रही है। लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो अभी भी मार्केट का आउटलुक कमजोर बना हुआ है। इस गिरावट के बीच कौन सा स्टॉक खरीदें और क्यों निफ्टी के अभी भी गिरकर 22,000 से 22,500 तक जाने की आशंका बनी हुई है? इन सबको लेकर हमने बात की जानेंगे रेनेसां इनवेस्टमेंट मैनेजर के फाउंडर, पंकज मुरारका से।
सबसे पहले जानते हैं कि मार्केट फिलहाल किस दिशा में जा रहा है? पंकज मुरारका का मानना है कि हम इस समय एक बुल मार्केट के बीच में हैं। यह बुल कोराना महामाररी के साथ मार्च 2020 में शुरू हुआ था और अब यह तेजी अपने पांचवें साल में है। लेकिन, शॉर्ट टर्म में मार्केट अब फंडामेंटल्स से हटकर थोड़ा आगे निकल चुका है।
उन्होंने कहा कि, “सरकार ने इस साल की पहले छमाही में चुनावों की वजह से कम खर्च किया। इसलिए, काफी व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गई। इसका असर बाजार पर भी दिखा। लेकिन अब दूसरी छमाही में खर्च बढ़ने की संभावना है।” पंकज मुरारका ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में लगभग छह तिमाहियों से मंदी देखी जा रही है और शहरी इलाकों का कंज्म्शन ग्रोथ भी धीमा हुआ है। यह बताता है कि भारतीय इकॉनमी इस समय एक साइक्लिकल स्लोडाउन के दौर में है और उनके हिसाब से यह स्लोडाउन अगले 3-4 तिमाहियों तक जारी रह सकती है।
अब बात करते हैं इस स्लोडाउन के अर्निंग्स ग्रोथ पर असर की। पंकज मुरारका ने कहा कि इस साल की शुरुआत में, अर्निंग्स ग्रोथ का अनुमान 14% था। लेकिन अब इस वित्त वर्ष के अंत तक यह घटकर सिर्फ 7% तक सिमट सकता है। उन्होंने कहा कि इसके चलते बाजार अब कुछ समय तक कंसॉलिडेशन के दौर से गुजर सकता है।
पंकज ने कहा कि अगले 12 से 18 महीनों के नजरिए से देखने पर, उन्हें अभी भी विश्वास है कि निफ्टी 22,000 से 22,500 के स्तर तक पहुंच सकता है, जो कि एक फेयर वैल्यू है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि “पिछले 18 महीनों में स्टॉक मार्केट में काफी तेजी आई थी। ऐसे में अब 6 से 9 महीने का कंसॉलिडेशन मार्केट के लिए हेल्दी साबित होगा और इसके वैल्यूएशन ग्रोथ के साथ अधिक तालमेल बना पाएगा।
तो अब सवाल उठता है, निवेश कहां करें? पंकज मुरारका ने इस साल IT सेक्टर पर ज्यादा भरोसा जताया है। उनका मानना है कि IT सेक्टर अगले साल मार्केट को लीड करेगा। इसके अलावा, उन्होंने फाइनेंशियल सेक्टर में भी अपना वेटेज बढ़ाया है, जो अब उनके पोर्टफोलियो का 30-35% हिस्सा है।
उन्होंने HDFC बैंक का उदाहरण दिया, जिसे उन्होंने तीन साल बाद अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि HDFC बैंक इस समय ट्रांजिशन क दौर में है और चीजों को व्यवस्थित होने में 4-6 तिमाहियां लग सकती है। उन्हें पूरा विश्वास है कि मेगा मर्जर के बाद HDFC बैंक और मजबूत होकर उभरेगा।
अब बात करते हैं फार्मा सेक्टर की। पंकज मुरारका को फार्मा सेक्टर में CRAM (Contract Research and Manufacturing) के चलते बड़ा मौका दिख रहा हैं। उनके अनुसार, “अगले 10 सालों तक फार्मा सेक्टर के पास सेक्युलर टेलविंड्स हैं।” इसके अलावा US Biosecure Act के तहत अमेरिकी कंपनियां अपना काम चीन से हटाकर भारत ला सकती हैं। भारत में लेबर भी सस्ता है। इससे भारतीय फार्मा इंडस्ट्री को बड़ा फायदा होगा।
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