नई दिल्ली: अमेरिका अभियोजकों ने गौतम अडानी पर 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद ग्रुप के शेयरों खासकर अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। लेकिन उसने पिछले सात दिन में अपने नुकसान की भरपाई कर ली है। पिछले चार सत्रों में इसमें 60 फीसदी से ज्यादा तेजी आई है। हालांकि इस साल इसमें 16 फीसदी गिरावट आई है। आज कारोबार के दौरान इसमें नौ फीसदी तेजी आई। हालांकि दोपहर बाद 2 बजे यह 0.10% की गिरावट के साथ 1323.25 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
कंपनी ने एक बयान जारी करके अडानी और ग्रुप के दूसरे अधिकारियों पर लगे रिश्वत के आरोपों का खंडन किया है। इससे कंपनी के निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। अडानी ग्रुप की सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने कहा कि ग्रुप अपनी पहले से रद्द की गई डॉलर बॉन्ड बिक्री को अप्रैल और जून 2025 के बीच फिर से शुरू कर सकता है। अडानी ने $60 लाख के बॉन्ड की पेशकश वापस ले ली थी। अडानी ग्रीन एनर्जी की आगे की योजनाओं में फरवरी 2025 तक बैंकों या ऑफशोर मार्केट में निजी प्लेसमेंट के माध्यम से $50 करोड़ तक जुटाना शामिल है।
अडानी ने क्या कहा
इस बीच अडानी ने ग्रुप पर लगे आरोपों को ग्रुप को मजबूत करने का अवसर बताया। उन्होंने जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि दो सप्ताह से भी कम समय पहले हमें अनुपालन प्रथाओं के बारे में अमेरिका से आरोपों का सामना करना पड़ा। हर हमला हमें मजबूत बनाता है, और हर बाधा लचीलेपन के लिए एक कदम बन जाती है। अडानी ने जोर देकर कहा कि ग्रुप के किसी भी व्यक्ति पर एफसीपीए के उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने की साजिश का आरोप नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि हम विश्व स्तरीय नियामक अनुपालन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।