गौतम अडाणी शनिवार शाम को जयपुर में 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवॉर्ड (IGJA) समारोह में बोल रहे थे।
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग विवाद और अमेरिका में लगे रिश्वत देने के आरोपों पर पहली बार सार्वजनिक बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘अडाणी ग्रुप के रास्ते में आई हर बाधा उसकी सफलता की सीढ़ी बनी है। आपके सपने जितने बड़े होंगे, दुनिया उतनी ज्या
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उन्होंने कहा कि चुनौतियां हमें कभी तोड़ नहीं पाई, बल्कि उन्होंने हमें और मजबूत बनाया। हमारे अंदर ये भरोसा बढ़ाया कि हर गिरावट के बाद हम और मजबूत तरीके से ऊपर उठेंगे। गौतम अडाणी शनिवार शाम को जयपुर में 51वें इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी अवॉर्ड (IGJA) समारोह में बोल रहे थे।
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा- विपरीत हालातों में भी हमने हमारे सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई।
3 उदाहरण देकर अडाणी ने कहा- हमें राजनीतिक विवाद में फंसाया
1. भारी विरोध के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में हमारे पास वर्ल्ड क्लास माइन साल 2010 में जब हमने ऑस्ट्रेलिया में कोल माइनिंग शुरू की थी, तो हमारा उद्देश्य था कि हमें भारत को एनर्जी सेक्टर में और मजबूत करना है। हमारा उद्देश्य था कि भारत में होने वाले 2 टन खराब कोयले को ऑस्ट्रेलिया से 1 टन अच्छी क्वालिटी के कोयले से रिप्लेस करेंगे। हालांकि गैर सरकारी संगठनों ने इसका बहुत ज्यादा विरोध किया और ये 10 साल तक चला। ये विरोध इतना ज्यादा था कि 10 बिलियन डॉलर के पूरे प्रोजेक्ट की फंडिंग हमने अपने इक्विटी शेयर से की। आज हमारे पास ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड क्लास कोल माइन है। यह हमारे लचीलेपन को दिखाता है।
2. हमारी आर्थिक स्थिरता को टारगेट कर राजनीतिक विवाद में फंसाया जनवरी 2023 में जब हम फॉलोऑन पब्लिक ऑफर(FPO) लॉन्च करने जा रहे थे, तो हमने विदेश से कंपनी के खिलाफ शॉर्ट सेलिंग(शेयर बाजार में कंपनी के शेयर की बिकवाली) अटैक का सामना किया। ये सिर्फ आर्थिक हमला नहीं था, ये डबल अटैक था। हमारी आर्थिक स्थिरता को तो टारगेट किया ही, हमें राजनीतिक विवाद में भी फंसाया गया। कई मीडिया संस्थानों ने इसे अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए और बढ़ाया।
उन विपरीत हालातों में भी हमने हमारे सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई। 20 हजार करोड़ रुपए का देश का सबसे बड़ा FPO लाने के बाद हमने कुछ असाधारण फैसले लिए। हमने कई अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से पैसा जुटाया और हमारा डेब्ट टू एबिटडा रेश्यो 2.5 गुना से कम कर दिया। ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस में यह मैट्रिक अनमैच है।
इसी साल हमारे फाइनेंशियल रिजल्ट ने हमारी श्रेष्ठता की प्रतिबद्धता को दिखाया। एक भी भारतीय और विदेशी रेटिंग एजेंसी ने हमें डाउन ग्रेड नहीं किया और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारे कार्य को सही ठहराया और दृष्टिकोण को वैधता दी।
3. अमेरिका में अडाणी के एक भी व्यक्ति पर आरोप नहीं तीसरा उदाहरण हाल ही का है। 2 सप्ताह पहले हमने अमेरिका से अडाणी ग्रीन एनर्जी के कामों को लेकर कुछ आरोपों को फेस किया। सच ये है कि अडाणी कंपनी के किसी भी व्यक्ति के ऊपर अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट( FCPA) के उल्लंघन या साजिश के आरोप तय नहीं हुए हैं। आज की दुनिया में नकारात्मकता तथ्यों से ज्यादा तेजी से फैलती है।
अडाणी ने कहा कि ऐसी चुनौती हमने पहली बार फेस नहीं की है। हर आक्रमण आपको मजबूत बनाता है। हर बाधा अडाणी ग्रुप की सीढ़ी बन जाती है। हमने जो बाधाएं फेस की है, वो हमारे लीडर बनने की कीमत है।
जयपुर के होटल इंटर कॉन्टिनेंटल में आयोजित अवॉर्ड समारोह में मौजूद लोग।
ज्वेलरी निर्यात में गिरावट एक चेतावनी गौतम अडाणी ने कहा- भारत कटे और पॉलिश किए गए हीरे के बाजार के वैश्विक मुकुट का गहना है। इस उद्योग में वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी 26.5% है। लेकिन ज्वेलरी निर्यात में हाल की 14% की गिरावट एक चेतावनी है। यह एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत है, जहां अस्थायी और स्थायी दोनों तरह की चुनौतियां मांग करती हैं कि हम अपने दृष्टिकोण की फिर से कल्पना करें।
अडाणी बोले- मुंबई से शुरू हुई थी यात्रा गौतम अडाणी ने बताया कि उनकी कारोबारी यात्रा 1978 में शुरू हुई थी, जब वह केवल 16 साल के थे। उन्होंने अहमदाबाद में अपना घर और स्कूल छोड़कर एकतरफा टिकट लेकर मुंबई का रुख किया। उन्होंने कहा- मुझे यह तो पता था कि मैं एक बिजनेसमैन बनना चाहता हूं, लेकिन यह नहीं पता था कि कैसे शुरू करूंगा। मुझे विश्वास था कि मुंबई अवसरों का शहर है।
उन्होंने कहा मैंने पहली नौकरी महेंद्रा ब्रदर्स में की, जहां उन्होंने डायमंड ट्रेडिंग का काम सीखा। वहां की गई पहली डील को याद करते हुए उन्होंने कहा-मैंने जापानी ग्राहकों के साथ पहली डील की और 10,000 रुपए का कमीशन कमाया। यह मेरी उद्यमिता की यात्रा का पहला कदम था।
गौतम अडाणी पर न्यूयॉर्क में रिश्वत देने और धोखाधड़ी का आरोप उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अमेरिका में 21 नवंबर को अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बनाई थी।
ये पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। 20 नवंबर को मामले में सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया था। पढ़ें पूरी खबर
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