RBI in Action: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नियमों के उल्लंघन को लेकर ओडिशा ग्राम्य बैंक (Odisha Gramya Bank) पर जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने एक जो प्रेस रिलीज जारी किया है, उसके मुताबिक इस सहकारी बैंक पर 1.5 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगा है। 6 मई को आरबीआई ने कहा कि यह जुर्माना ‘स्ट्रेंथनिंग ऑफ प्रूडेंशियल नॉर्म्स-प्रोविजनिंग, एसेट क्लासिफिकेशन एंड एक्सपोजर लिमिट’ और ‘क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों’ पर जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए लगाया गया है। आरबीआई ने कहा कि इस सहकारी बैंक के 31 मार्च 2023 तक की वित्तीय सेहत का नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने स्टैटुअरी निरीक्षण किया था।
जांच के बाद क्या-क्या हुआ?
नाबार्ड की जांच में सामने आया कि आरबीआई के कुछ दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हुआ है। ऐसे में सहकारी बैंक को ‘कारण बताओ नोटिस’ भेजा गया कि दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए? केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि इस नोटिस पर ओडिशा ग्राम्य बैंक का लिखित और मौखिक रूप से जो जवाब आया, उस पर विचार करने के बाद इस पर जुर्माना लगाया गया। ओडिशा ग्राम्य बैंक पर यह कार्रवाई इसलिए की क्योंकि जांच में सामने आया कि कुछ खास लोन खातों को इसने एनपीए में नहीं रखा दिसके चलते लोन खाते के एसेट क्लासिफिकेशन की सही तस्वीर नहीं आई।
Odisha Gramya Bank के बारे में
ओडिशा ग्राम्य बैंक एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक है जिसकी स्थापना 7 जनवरी 2013 को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1976 के प्रावधानों के अनुसार नीलाचला ग्राम्य बैंक, कलिंग ग्राम्य बैंक और बैतरणी ग्राम्य बैंक को मिलाकर की गई थी। इसकी स्पांसर इंडियन ओवरसीज बैंक है। इस पर भारत सरकार, ओडिशा सरकार और आईओबी का मालिकाना हक है। भारत सरकार की इसमें 50 फीसदी, इंडियन ओवरसीज बैंक की 35 फीसदी और ओडिशा सरकार की 15 फीसदी हिस्सेदारी है। इस सहकारी बैंक का ओडिशा राज्य के 13 जिलों में कारोबार फैला हुआ है।