अशोका बिल्डकॉन के शेयरों में आज 28 नवंबर को 3 फीसदी तेजी देखने को मिल रही है। कंपनी को मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से 192.59 करोड़ रुपये का इंजीनियरिंग,प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) ऑर्डर मिला है। इस प्रोजेक्ट को 24 महीने में पूरा किया जाना है। इस प्रोजेक्ट में केएफडब्ल्यू द्वारा वित्तपोषित फीडर सेपरेशन प्रोग्राम के अंतर्गत नई 11 केवी लाइनों और और उनसे संबंधित बुनियादी ढांचे की खरीद, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग शामिल है।
सुबह 09.30 बजे के आसपास एनएसई पर अशोका बिल्डकॉन के शेयर 240 रुपये के आसपास कारोबार कर रहे थे।
घटनाक्रम में एक दिलचस्प मोड़ यह आया कि इस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने यह नया ठेका उसी दिन हासिल किया जिस दिन उसने एक दूसरा ठेका खो दिया था। अशोका बिल्डकॉन ने घोषणा की कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने प्रशासनिक कारणों से पश्चिम बंगाल में खड़गपुर-चंद्रकोना-घाटल सड़क परियोजना (पैकेज-1) के लिए उसकी बोली रद्द कर दी है, क्योंकि कंपनी एकमात्र बोलीदाता थी।
रद्द की गई परियोजना में एनएचएआई की इकोनॉमिक कॉरीडोर पहल के तहत हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) के तहत 41 किलोमीटर लंबे हिस्से का विकास किया जाना शामिल था।
इस झटके के बावजूद, अशोका बिल्डकॉन के पास अभी भी लेटर ऑफ अवार्ड है जो उसे पिछले सप्ताह बोवाईचंडी-गुस्करा-कटवा परियोजना (पैकेज-3) के लिए मिला था। 43 किलोमीटर की लंबाई वाली यह नई परियोजना कंपनी के पोर्टफोलियो में एक महत्वपूर्ण ग्रोथ है।
इन ऑर्डरों से कंपनी की ऑर्डर बुक को और मजबूती मिलेगी। सितंबर तिमाही के अंत तक कंपनी के पास 11,104 करोड़ रुपये के ऑर्डर थे। इसमें 265 करोड़ रुपये के L1 प्रोजेक्ट और 30 सितंबर के बाद मिले प्रोजेक्ट के लिए एडिशनल LOA शामिल नहीं हैं, जिनकी कुल कीमत 4,320 करोड़ रुपये है।
कंपनी की कुल ऑर्डर बुक में, HAM या EPC मोड वाली सड़क परियोजनाओं का हिस्सा 82.2 फीसदी है। जबकि बिल्डिंग, रेलवे और इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे अन्य प्रोजेक्ट्स का हिस्सा 5-7 फीसदी के दायरे में है।