यस बैंक की योजना वित्त वर्ष 2026 में 100 नए ब्रांच खोलने की है। बैंक का इरादा उन इलाकों में इस सुविधा का विस्तार करना है, जहां बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है। बैंक का यह स्ट्रैटेजिक एक्सपैंशन डिजिटल बैंकिंग सेक्टर में बैंक की मजबूत पोजिशन के अनुरूप है। जहां तक प्राइवेट बैंकों की डिजिटल बैंकिंग का सवाल है, तो यस बैंक इस मामले में अव्वल है। UPI सेगमेंट में बैंक का मार्केट शेयर 56.4 पर्सेंट है। बैंक के पास फिलहाल देश भर में 1,234 ब्रांच हैं।
यस बैंक के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर राजन पेंटल ने बैंक के फाइनेंशियल आउटलुक के बारे में बताया, ‘हमारा मौजूदा नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 2.4 पर्सेंट है। हमारा इरादा अगले दो साल में इसे बढ़ाकर 3-3.5 पर्सेंट करने का है। डिपॉजिट कॉस्ट कम होने के मद्देनजर ऐसा होगा।’ वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में यस बैंक का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 145.6 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 553 करोड़ रुपये रहा। बैंक के रीकंस्ट्रक्शन के बाद से यह बैंक का सबसे ज्यादा प्रॉफिट है। इस दौरान बैंक का टोटल डिपॉजिट सालाना आधार पर 18.3 पर्सेंट बढ़कर 2,65,072 करोड़ रुपये रहा। बैंक के करेंट एकाउंट डिपॉजिट में 26 पर्सेंट की ग्रोथ रही, जबकि सेविंग डिपॉजिट में 30 पर्सेंट की ग्रोथ देखने को मिली।
राजन ने बताया, ‘फिलहाल, सबसे बड़ी चुनौती डिपॉजिट की हाई कॉस्ट है।’ अनुमान है कि इकोनॉमिक ग्रोथ और इनफ्लेशन को लेकर चिंताओं की वजह से रिजर्व बैंक निकट भविष्य में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। जानकारों का मानना है कि केंद्रीय बैंक प्रमुख देशों की मॉनिटरी पॉलिसी पर नजर रखेगा और कोई भी बदलाव करने से पहले भारत आधारित चुनौतियों मसलन फूड इनफ्लेशन और फिस्कल दबावों पर गौर करेगा।
बैंक की योजना उत्तर भारत में भी अपनी पहुंच का विस्तार करने की है। वित्त वर्ष 2025 के दौरान बैंक ने 8 नई शाखाएं जोड़ी हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 27 नवंबर को बैंक का शेयर 0.60 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 20.26 रुपये पर बंद हुआ।