Vodafone Idea share: कर्ज से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आज 27 नवंबर को करीब 6 फीसदी तक की तेजी आई है। आज की तेजी के साथ कंपनी के शेयर पिछले तीन दिनों में करीब 20 फीसदी भाग चुके हैं। दरअसल, ऐसी खबरें हैं कि केंद्रीय मंत्रिमंडल 2022 से पहले की स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए बैंक गारंटी पर छूट को मंजूरी दे सकता है। इस खबर के बीच कंपनी के शेयरों में जमकर खरीदारी हो रही है। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 55,341 करोड़ रुपये हो गया है। स्टॉक का 52-वीक हाई 19.15 रुपये और 52-वीक लो 6.60 रुपये है।
Vodafone Idea के लिए क्या है इस फैसले के मायने
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार के इस फैसले से वोडाफोन आइडिया को फायदा होने की उम्मीद है। इससे ना केवल कंपनी का कैश फ्लो बेहतर होगा बल्कि, उसे अपने कर्ज का भुगतान करने में भी आसानी होगी। इसके साथ ही कंपनी को लोने देने के लिए बैंकों की ओर से क्रेडिट में सुधार होगा।
टीलकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया के पास वर्तमान में 24700 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक गारंटी ऑब्लिगेशन है, जबकि भारती एयरटेल के साथ कंबाइंड लायबिलिटी 30000 करोड़ रुपये से अधिक है। इस साल की शुरुआत में वोडाफोन आइडिया ने इक्विटी फंडिंग में 24,000 करोड़ रुपये हासिल किए और अब वह अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये के लोन और 10,000 करोड़ रुपये के बैंक गारंटी या लेटर ऑफ क्रेडिट की तलाश कर रही है।
यह फैसला 2021 में किए गए कैबिनेट सुधारों का विस्तार है, जिसमें 2022 के बाद हासिल किए गए स्पेक्ट्रम पर बैंक गारंटी की अनिवार्यता पहले ही समाप्त कर दी गई थी। अब यह राहत पुराने स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स पर भी लागू की गई है। इस कदम का उद्देश्य टेलीकॉम सेक्टर में स्थिरता लाना और कंपनियों की ग्रोथ में मदद करना है। इससे पहले टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार विभाग (DoT) से बैंक गारंटी की अनिवार्यता हटाने की मांग की थी। एनालिस्ट्स का मानना है कि सरकार का यह फैसला टेलीकॉम सेक्टर की कर्ज की समस्या को कम करेगा और कंपनियों को बेहतर प्रबंधन का मौका देगा।
Vodafone Idea को AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका
राहत के बावजूद, वोडाफोन आइडिया एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) विवाद में उलझा हुआ है। सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल सहित 19 टेलीकॉम कंपनियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें उनके AGR बकाया की फिर से गणना करने की मांग की गई थी। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में वोडाफोन आइडिया ने 7176 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो एक साल पहले 8,738 करोड़ रुपये था। इसी अवधि के दौरान कंपनी के रेवेन्यू में 2% की वृद्धि हुई और यह 10,932 करोड़ रुपये हो गया।
हाल की तेजी के बावजूद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में साल की शुरुआत से अब तक करीब 53 फीसदी की गिरावट आ चुकी है, जो कंपनी की मौजूदा वित्तीय चुनौतियों और भविष्य की विकास संभावनाओं पर निवेशकों की चिंताओं को दिखाता है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।