Waaree Energies सोलर मॉड्यूल बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है. हाल ही में इसका आईपीओ आया था जिसे जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था. बाजार बंद होने से पहले कंपनी ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि उसे 600 MW प्रोजेक्ट के लिए सोलर मॉड्यूल सप्लाई करने का ऑर्डर मिला है. कंपनी को सोलर PV मॉड्यूल की सप्लाई करनी है. FY26 में इस ऑर्डर को पूरा किया जाना है. बता दें कि यह ऑर्डर कंपनी के पुराने कस्टमर ने दिया है. वह रिन्यूएबल पावर प्रोजेक्ट्स को डेवलप और ऑपरेट करते हैं. आज Waaree Energies का शेयर पौने तीन फीसदी की गिरावट के साथ 2525 रुपए के स्तर पर बंद हुआ.
अपने हाई से 33% करेक्ट हुआ स्टॉक
Waaree Energies का आईपीओ 23 अक्टूबर 2024 को खुला था. 1503 रुपए का इश्यू प्राइस था. 28 अक्टूबर को BSE पर 2550 रुपए पर इसकी लिस्टिंग हुई. सेम डे स्टॉक ने 2295 का लो बनाया जो इसका ऑल टाइम लो भी है. उसके बाद शेयर में एकतरफा तेजी देखने को मिली. 6 नवंबर को यह शेयर 3740 रुपए के लाइफ हाई पर पहुंच गया था. उसी दिन ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए थे. उन्होंने एक बयान में कहा कि वह रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को बंद कर देंगे. उसके बाद शेयर में एकतरफा गिरावट देखने को मिली है. आज यह 2525 रुपए पर बंद हुआ जो लिस्टिंग भाव के नीचे है. अपने हाई से यह शेयर 33% करेक्टेड है.
ट्रंप के बयान के बाद शेयर धराशायी
Q2 रिजल्ट के बाद अर्निंग कॉल्स में कंपनी ने बताया कि भारत और अमेरिका दोनों इसके लिए काफी अहम हैं. सितंबर 2024 के आधार पर कंपनी 27.5% ऑर्डर डोमेस्टिक है जबकि 72.5% का ऑर्डर ओवरसीज है. यही वजह है कि ट्रंप के एक बयान के कारण शेयर धराशायी हो गया. फिलहाल यह देखना होगा जब ट्रंप पदग्रहण करेंगे तब क्या फैसला करते हैं. कंपनी का टोटल ऑर्डर बुक इस समय 20 गीगावाट का है. ओवरऑल बिजनेस में रीटेल कस्टमर्स का शेयर 23% है और आने वाले समय में यहां हेल्दी ग्रोथ बने रहने की उम्मीद है. कंपनी की वर्तमान क्षमता 12 गीगावाट की है.
Waaree Energies का ग्रोथ आउटलुक कैसा है
अमेरिका में 1.6 GW की कैपेसिटी है जिसका फरवरी 2025 में उद्घाटन किया जाएगा. जनवरी के अंत तक वहां कमर्शियल ऑपरेशनल शुरू हो जाने की उम्मीद है. आने वाले सालों में इस क्षमता को 5 GW तक पहुंचाने की योजना है. इसके अलावा 5 GW की सेल कैपेसिटी भी डेवलप करने की योजना है. मैनेजमेंट ने कहा कि FY25 के अंत यानी मार्च 2025 तक डोमेस्टिक कैपेसिटी बढ़कर 13.3 GW और अमेरिकी कैपेसिटी 1.6 GW यानी कुल 15 गीगावाट की कैपेसिटी हो जाएगी. FY27 तक सोलर मॉड्यूल कैपेसिटी को 21 GW पर पहुंचाने की योजना है. इसके अलावा 11 GW की कैपेसिटी हाइड्रोजन सेल को लेकर होगी. FY25 तक 5.4GW की सेल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी ऑपरेशनल हो जाने की उम्मीद है.
(डिस्क्लेमर: यह किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं है. ये stock market news के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)