C2C Advanced Systems IPO: डिफेंस प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री को सर्विसेज देने वाली सी2सी एडवांस्ड सिस्टम्स के आईपीओ में पैसे लगाने का आखिरी मौका 26 नवंबर को मिलेगा। ग्रे मार्केट के संकेतों को मानें तो लिस्टिंग पर यह आईपीओ निवेशकों के पैसे डबल कर सकता है। ग्रे मार्केट में बात करें तो आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से इसके शेयर ₹245 यानी 108.41 फीसदी की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर ट्रेड हो रहे हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत के हिसाब से आईपीओ में निवेश से जुड़े फैसले लेने चाहिए। 99 करोड़ रुपये का यह इश्यू खुदरा निवेशकों के दम पर अब तक 27 गुना से अधिक भर चुका है।
कैटेगरीवाइज सब्सक्रिप्शन
क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB)- 0.53 गुना
नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII)- 26.68 गुना
खुदरा निवेशक- 42.64 गुना
टोटल- 27.19 गुना
C2C Advanced Systems IPO की डिटेल्स
सी2सी एडवांस्ड सिस्टम्स के ₹99.07 करोड़ के आईपीओ में ₹214-₹226 के प्राइस बैंड और 600 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। यह इश्यू 22 नवंबर को खुला था और 26 नवंबर को यह बंद होगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 27 नवंबर को फाइनल होगा और फिर NSE SME पर 29 नवंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 43,83,600 नए शेयर जारी होंगे। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी बेंगलुरु के ट्रेनिंग सेंटर को अपग्रेड करने और दुबई में एक्सीपिएंस सेंटर खोलने, बेंगलुरु और दुबई में नए प्रेमिसेज के फिट-आउट, बेंगलुरु में नए प्रेमिसेज के सिक्योरिटी डिपॉजिट, कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
C2C Advanced Systems के बारे में
वर्ष 2019 में बनी सी2सी एडवांस्ड सिस्टम्स (पूर्व नाम सी2सी-डीबी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड) स्वदेशी डिफेंस प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री को इलेक्ट्रॉनिक्स सॉल्यूशंस मुहैया कराती है। यह रियल टाइम में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और डेटा मुहैया कराती है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 2.38 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था लेकिन अगले वित्त वर्ष 2023 में यह 2.88 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे में आ गई जो अगले वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 12.28 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 989 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 41.30 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।