NLC India share price: पब्लिक सेक्टर की कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने आज 19 नवंबर को कहा कि उसके बोर्ड ने अपने रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो को बढ़ाने और सब्सिडियरी ऑपरेशन को सपोर्ट करने के लिए प्रमुख पहलों को मंजूरी दी है। इसके तहत कंपनी अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) में ₹3720 करोड़ तक के निवेश करने जा रही है। कंपनी के शेयरों में आज 1.22 फीसदी की तेजी देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 237 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इसका मार्केट कैप 32,863 करोड़ रुपये है।
क्या है NLC India का प्लान
एनएलसी इंडिया ने बताया कि किस्तों में किया जाने वाला यह निवेश गुजरात और राजस्थान में कई रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को फंडिंग करेगा, जो रेगुलेटरी अप्रुवल के अधीन है। इसके अलावा, एनएलसी इंडिया अपनी एसेट मोनेटाइजेशन प्लान के तहत NIRL के इक्विटी शेयरों का सब्सक्रिप्शन लेकर 30 सितंबर 2024 तक ₹6263 करोड़ मूल्य की रिन्यूएबल एनर्जी एसेट्स का अधिग्रहण करेगी। शेयरों का अधिग्रहण फेस वैल्यू पर किया जाएगा।
बोर्ड ने चार सब्सिडियरी कंपनियों – NIRL, NLC इंडिया ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, नेवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड और NLC तमिलनाडु पावर लिमिटेड को उनकी बॉरोइंग जरूरतों के लिए लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने को भी मंजूरी दी। पिछले महीने, एनएलसी इंडिया ने कहा कि उसे 2031-32 तक बिजली की मांग में 7-8% की वृद्धि की उम्मीद है। कंपनी को हाल ही में घोषित नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान (NEP) द्वारा सपोर्टेड थर्मल पावर जनरेशन, ओवरऑल पावर प्रोडक्शन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में बड़े अवसर दिखाई दे रहे हैं।
NLC India के चेयरमैन का बयान
एनएलसी इंडिया के चेयरमैन और एमडी प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य NEP के अनुरूप बड़ी क्षमता विस्तार करना है। उन्होंने कहा, “आज की तारीख तक हमारी कुल क्षमता 6-गीगावाट (GW) है और उसमें से 1.4 GW रिन्यूएबल है। इसलिए, आज की तारीख तक हमारे पास 24% रिन्यूएबल कैपिसिटी है और 2030 तक हम 20 GW कंपनी बनने का लक्ष्य बना रहे हैं; 10 GW कनवेंशनल कैपिसिटी और 10 GW रिन्यूएबल कैपिसिटी। इसलिए 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी का हमारा अनुपात 50 फीसदी से अधिक होगा, जो कि हमारी टारगेट कैपिसिटी एडिशन है।”
एनएलसी इंडिया ने 2030 तक अपनी माइनिंग कैपिसिटी को दोगुना करके 100 मिलियन मीट्रिक टन करने की योजना बनाई है, जिसमें एक प्रमुख अधिग्रहण भी शामिल है। कंपनी की रेगुलेटेड इक्विटी 2030 तक ₹7800 करोड़ से बढ़कर ₹23000 करोड़ हो जाने की उम्मीद है।