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$3 ट्रिलियन लेकर बैठे हैं… अमेरिका के बाद भारत में सबसे ज्‍यादा आने वाला है पैसा, दिग्‍गज की भविष्‍यवाणी

नई दिल्‍ली: डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान अमेरिका के बाद भारत ग्‍लोबल निवेश के लिए दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनेगा। वॉल स्ट्रीट के बड़े दिग्‍गज ने यह भविष्‍यवाणी की है। सिटीग्रुप इंक. के एग्‍जीक्‍यूटिव वाइस प्रेसिडेंट विश्वास राघवन ने कहा कि 3 ट्रिलियन डॉलर से ज्‍यादा (लगभग 25316904 करोड़ रुपये) की रकम निवेश करने के लिए तैयार निवेशक सेलेक्टिव होंगे। रिटर्न के अनुमानों के आधार पर सार्वजनिक और निजी बाजारों के बीच उनके निवेश प्रवाह में अंतर होगा।राघवन के अनुसार, जैसे-जैसे ट्रंप अमेरिका को फिर से एक मैन्‍यूफैक्‍चरिंग हब बनाने पर जोर दे रहे हैं, बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी निवेश योजनाओं में बदलाव कर रही हैं। हालांकि, नीतिगत बदलाव वैश्विक व्यापार व्यवस्था को अस्थिर कर सकते हैं। लेकिन, उनसे अमेरिका में रोजगार बढ़ने की उम्मीद है। मुंबई में पले-बढ़े राघवन ने कहा कि भारत खुद एक बड़ा बाजार है। साथ ही ट्रंप के पक्ष में होने के कारण उसे बड़ा फायदा हो सकता है।

क‍िन सेक्‍टरों में होगी न‍िवेशकों की दिलचस्‍पी?

दिग्‍गज बैंकर ने कहा कि ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और उपभोक्ता क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए यहां दिलचस्‍पी का विषय होंगे। हालांकि, पर्यावरण अनुकूल स्रोतों पर फोकस और विशाल आबादी की जरूरतों को पूरा करने की आवश्यकता है।

राघवन ने कहा, ‘भारत जैसी जगह की खूबी ये है कि आप यहां जो कुछ भी उत्पादन करते हैं, उसका उपभोग भी कर सकते हैं। जबकि अगर आप ब्रिटेन या किसी अन्य देश को देखें, तो आपको इसे इधर-उधर भेजना होगा।’ उनके मुताबिक, बढ़ती आय और आबादी की पूरी न होने वाली मांग, भारत को वस्तुओं और सेवाओं के लिए सबसे अच्छा बाजार बनाती है।

सरकार की ओर से मैन्‍यूफैक्‍चरिंग पर जोर, नए धनी वर्ग के उदय और प्रमुख बाजारों में सबसे तेज 7% की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ निवेश प्रवाह में ग्रोथ के आसार हैं। राघवन ने कहा, ‘सवाल वास्तव में वैल्‍यूएशन को लेकर है। लगभग तीन से चार वर्षों में हम देख रहे हैं कि आय बढ़ नहीं रही है।’

भारतीय बाजारों ने द‍िया है शानदार र‍िटर्न

पिछले दो दशकों में भारतीय शेयर बाजारों ने अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में उभरते बाजारों में सबसे अच्छा रिटर्न दिया है। कारण है कि इनकम में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन, ऐसा लगता है कि अब ये रुक गया है, क्योंकि पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले दो महीनों में रिकॉर्ड 13 अरब डॉलर की बिक्री की है। लाभ में गिरावट के साथ 22 गुना से अधिक के आगे के आय अनुमानों पर मूल्यांकन महंगा लगता है।

राघवन ने कहा कि तेजी से बढ़ती संपत्ति और बैंकिंग सुधारों ने भी भारतीय कॉर्पोरेट्स को कर्ज मुक्त कर दिया है। वे ग्‍लोबल प्‍लेटफॉर्म पर सबसे आगे हैं। ये सिटीग्रुप को अपने व्यवसाय के पुनर्निर्माण के मौके देता है। शीर्ष पर उनकी उपस्थिति इसे और तेज करने में मदद कर सकती है।

राघवन ने कहा, ‘अब हमारे पास ऐसी कंपनियां हैं जो अपने वर्ग में सर्वश्रेष्ठ हैं। ये भारत को दुनिया के सामने लाने में अभूतपूर्व काम कर सकती हैं। अगर कोई मेरे पास आता है, मुझे एक भारतीय नाम देता है और कहता है कि वे ऐसा और ऐसा करना चाहते हैं, तो मुझे यह जानने की जरूरत नहीं है कि कंपनी क्या करती है। मैं इनमें से कई नामों को जानता हूं। कोई खोज प्रक्रिया नहीं है।’

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