बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स ने 18 नवंबर के कारोबार की शुरुआत तो हरे निशान में की लेकिन कुछ ही देर बाद लाल निशान में आ गए। इसके चलते शेयर बाजारों में लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट जारी है। रिटेल सेल्स और इंपोर्ट प्राइसेज में वृद्धि के बाद अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की धीमी गति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इनवेस्टर सतर्क रुख अपना रहे हैं। अप्रोच “गिरावट पर खरीद” से “बढ़त पर बिक्री” में बदल गई है, जिसकी वजह शेयर बाजारों का हाल ही में अपने पीक से 10 प्रतिशत की गिरावट देखना है।
बीएसई सेंसेक्स सुबह 283.23 पॉइंट्स की बढ़त के साथ खुला। लेकिन फिर 564.6 पॉइंट्स तक टूट गया। इसी तरह एनएसई निफ्टी 72.6 पॉइंट्स की तेजी के साथ ओपन हुआ और फिर 170.35 पॉइंट्स तक लुढ़क गया। लगभग 1554 शेयरों में तेजी आई, 1414 शेयरों में गिरावट आई और 137 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सबसे ज्यादा गिरावट आईटी और FMCG शेयरों में देखी जा रही है। निफ्टी पर वर्तमान में हीरो मोटोकॉर्प, हिंडाल्को, एचडीएफसी बैंक, कोल इंडिया, अदाणी पोर्ट्स टॉप गेनर्स हैं। विप्रो, डॉ रेड्डीज, टीसीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा टॉप लूजर्स हैं।
चॉइस ब्रोकिंग में रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजने के मुताबिक, “तकनीकी दृष्टिकोण से, निफ्टी को 23,800 से 24,000 रेंज में इमीडिएट रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है। इंडेक्स वर्तमान में डेली चार्ट पर अपने 200-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) के पास कारोबार कर रहा है। 23,350 से 23,300 रेंज में इमीडिएट सपोर्ट देखा जा रहा है। यह सपोर्ट जोन मौके का फायदा उठाने वाले ट्रेडर्स की ओर से बाइंग इंट्रेस्ट को आकर्षित कर सकता है।”
शेयर मार्केट में क्यों आ रही है गिरावट
फिडेंट एसेट मैनेजमेंट के ऐश्वर्या दाधीच ने मनीकंट्रोल को बताया, “बाजार में सेंटिमेंट उत्साहजनक नहीं लग रही है, क्योंकि निफ्टी और व्यापक बाजार पर बहुत दबाव है। मिड-स्मॉल कैप इंडेक्स में बढ़ी हुई वैल्यूएशन के कारण अधिक दर्द देखने को मिल सकता है, हेडलाइन इंडेक्स में उतार-चढ़ाव काफी हद तक खत्म हो सकता है।”
बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से बड़े पैमाने पर बिकवाली है। दाधीच का का मानना है कि सेलिंग की रफ्तार कम हो गई है, लेकिन उन्होंने चेतावनी भी दी कि सेलिंग ट्रेंड बाकी बचे कैलेंडर वर्ष में भी जारी रह सकता है। एफआईआई ने गुरुवार, 14 नवंबर को 1,850 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। शुक्रवार, 15 नवंबर को शेयर बाजारों में गुरुनानक जयंती की छुट्टी थी। वे नवंबर में अब तक 29,533 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं।
इसके अलावा, भारतीय कंपनियों के जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के कमजोर नतीजे भी एक बड़ी वजह हैं। इसके चलते शेयरों के लिए डाउनग्रेड, अपग्रेड से आगे निकल गए हैं। निफ्टी पर लिस्टेड कंपनियों ने दूसरी तिमाही में साल-दर-साल आधार पर मुनाफे में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। यह लगातार दूसरी तिमाही रही, जब मुनाफा सिंगल डिजिट में बढ़ा। कोविड19 महामारी के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ था।
मोतीलाल ओसवाल में हेड ऑफ रिसर्च एंड वेल्थ मैनेजमेंट सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजों, बढ़ते डॉलर सूचकांक और पिछले डेढ़ महीने से एफआईआई की लगातार बिकवाली के कारण बाजार अस्थिर बने हुए हैं।”
गिरावट के बावजूद IT स्टॉक आकर्षक
सेक्टरवाइज निफ्टी आईटी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला रहा, इंडेक्स में 2 प्रतिशत की गिरावट आई। इंफोसिस, एलटीआईमाइंडट्री और विप्रो जैसे दिग्गज शेयरों ने इंडेक्स को नीचे खींच लिया। दूसरी ओर, वेदांता, हिंडाल्को और टाटा स्टील जैसे शेयरों के सेंटिमेंट को पॉजिटिव बनाए रखने के बाद निफ्टी मेटल और रियल्टी में 1 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। दाधीच ने बताया कि गिरावट के बावजूद आईटी स्टॉक आकर्षक लग रहे हैं, क्योंकि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैक्स कट की संभावना के कारण अमेरिकी कंपनियों ज्यादा खर्च कर रही हैं।