शेयरों का चयन शुरू करने के लिहाज से क्या बाजारों में पर्याप्त गिरावट आ चुकी है?
इस गिरावट को पिछले 19 महीने में कोई बड़ी गिरावट न आने के नजरिए से देखा जाना चाहिए। यह गिरावट वैश्विक कारकों के चलते विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और सितंबर तिमाही के अनुमान से कमजोर नतीजों के कारण हुई है। यह ठीक-ठाक मौके मुहैया कराती है और हम भारतीय इक्विटी पर सकारात्मक बने हुए हैं। देसी अर्थव्यवस्था का आउटलुक स्थिर है, जिसे मजबूत आर्थिक फंडामेंटल और कंपनियों की अच्छी बैलेंस शीट से सहारा मिला है। इससे आय वृद्धि स्थिर रह सकती है। क्षेत्रवार हम बैंकिंग, कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी, हेल्थकेयर और मेटल्स में उचित मूल्यांकन देख रहे हैं।
क्या हालिया गिरावट ने मिडकैप और स्मॉलकैप में मौके उपलब्ध कराए हैं?
मिडकैप को अक्सर काफी जोखिम भरा समझ लिया जाता है। हालांकि पिछले पांच साल में उनका विस्तार, विविधता और विभिन्न उद्योगों में प्रतिनिधित्व सुधरा है। इसकी वजह आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों की पेशकश, संगठित क्षेत्रों की ओर बढ़ना और मजबूत निवेश है। मिडकैप भी मूल्यवान क्षेत्र के प्रतिनिधित्व की पेशकश करता है और कुछ क्षेत्र के अग्रणी हैं लेकिन लार्जकैप को पारिभाषित करने वाले 100 अग्रणी शेयरों में ये शामिल नहीं हैं। मिडकैप में गुणवत्ता वाले क्षेत्र की अग्रणी कंपनियां पोर्टफोलियो का ठीक-ठाक हिस्सा बनाती हैं। ऐसी श्रेणियों के साथ जुड़े जोखिम को कम करने के लिए हम निवेशकों को एसआईपी के जरिये भागीदारी करने की सलाह देते हैं जो लार्ज ऐंड मिडकैप, फ्लेक्सीकैप और मल्टीकैप फंडों के जरिए हो सकता है।
आप जनवरी 2008 में मिरे ऐसेट म्युचुअल फंड के साथ जुड़े थे और बाजार के विभिन्न चक्र आपने देखे हैं। क्या इस बार की गिरावट अलग है?
बाजार के विभिन्न चक्रों में सिलसिलेवार पैटर्न उभरता है। इसमें अति की स्थिति लंबी अवधि में उलट जाती है। बाजार के मौजूदा हालात दो वजहें से हैं। पहली, गिरावट के बावजूद कोई भी क्षेत्र अपवाद के तौर पर भी सस्ता नहीं हैं। और दूसरा, स्थानीय निवेश का भारी असर। उतार-चढ़ाव में कमी लाते हुए ऐसे निवेश ने भी हिस्सेदारी बिक्री के जरिये ज्यादा शेयरों की आपूर्ति की है। एसआईपी निवेश में स्थिरता और सुस्त तिमाही के बाद आय स्थिर होने से यह गिरावट अल्पावधि की हो सकती है। हालांकि अल्पावधि के बाजार की चाल का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण होता है।
क्या आप निवेशकों को बाजार की ऐसी अनिश्चित अवधि में इंतजार की सलाह देंगे?
घरेलू निवेशकों की भूमिका अहम है और हर महीने करीब 3 अरब डॉलर एसआईपी के जरिये आ रहे हैं। देसी निवेश से अल्पावधि में उतारचढ़ाव कम करने में मदद मिलती है, लेकिन लंबी अवधि में बाजार का टिके रहना प्राथमिक तौर पर आय वृद्धि पर निर्भर करेगा। लंबी अवधि के निवेशकों को अनुशासित रहना चाहिए और एसआईपी व जोखिम आधारित परिसंपत्ति आवंटन जैसी रणनीतियों पर ध्यान देना चाहिए। ऐतिहासिक तौर पर इन तरीकों ने अनिश्चित अवधि में सकारात्मक नतीजे दिए हैं। साथ ही रिटर्न के अनुमान को घटाना भी बुद्धिमानी है क्योंकि मूल्यांकन उचित हैं लेकिन बहुत ज्यादा सस्ते नहीं हैं। नरम रिटर्न के अनुमान और पांच साल तक निवेशित रहने वाले निवेशकों के निराश होने की संभावना नहीं है।
कंपनियों की आय की आगे की राह पर आपकी क्या राय है?
चुनाव से जुड़ी बाधाएं, सरकार के कम खर्च, भीषण गर्मी और चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल जैसे कारणों से वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में आय वृद्धि सुस्त रही। हमें 2025-26 में रिकवरी की उम्मीद है और आय वृद्धि में भी सुधार दिखेगा। यह सुधार आम खपत में बढ़ोतरी, सरकारी खर्च की बहाली और कुछ वैश्विक स्थिरता के दम पर होगा।
निवेश के मौकों के लिए आप आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का कितना इस्तेमाल कर रहे हैं? उद्योग इस तरह के नए फंड मैनेजर पर किस तरह से प्रतिक्रिया जता रहा है?
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग्स की तैनाती विश्लेषकों को सहायता देने के लिए रिसर्च टूल के तौर पर हो रही है। ये तकनीक उपयोगी हैं लेकिन फंड प्रबंधन में जरूरी फैसला लेने की प्रक्रिया की जगह नहीं ले सकती। फंडामेंटल विश्लेषण के अलावा फंड प्रबंधन के लिए अनुशासित फ्रेमवर्क के बारीक पहलुओं को समझना और ग्रीड ऐंड फियर जैसी संवेदना को प्रबंध करना शामिल है, जो मशीनें आसानी से नहीं कर सकतीं।
पिछले कुछ महीनों में आपने निवेश के लिए कौन सी रणनीति अपनाई है?
पोर्टफोलियो का विविधीकरण सुनिश्चित करते हुए हमने उचित मूल्यांकन के साथ वृद्धि के मामले में सुदृढ़ता वाले कारोबार चुनने पर ध्यान दिया है। बेहतर जोखिम-प्रतिफल अनुपात वाले क्षेत्र के दिग्गजों को चुना है जबकि उच्च मूल्यांकन वाले शेयरों को हमने छोड़ दिया है। ओवरवेट वाली अहम पोजीशन में फाइनैंशियल, कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी, हेल्थकेयर और मेटल क्षेत्र के शेयर शामिल हैं।