सितंबर तिमाही में कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर रही है। इस दौरान निफ्टी 50 में शामिल कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ 4 फीसदी रही है। यह लगातार दूसरी तिमाही है जब अर्निंग्स ग्रोथ सिंगल डिजिट में रही है। कोविड के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। पांच कंपनियों की अर्निंग्स में लगातार अच्छी ग्रोथ दिखी है। इनमें एसबआई, हिंडाल्को, ओएनजीसी, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक शामिल हैं। लेकिन, बीपीसीएल, जेएसडब्ल्यू स्टील, कोल इंडिया, इंडसइंड बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ ने माहौल खराब कर दिया है।
FY25 की अर्निंग्स ग्रोथ 5 फीसदी रहने का अनुमान
कंजम्प्शन (Consumption) कमजोर कड़ी के रूप में उभरा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा है कि BFSI सेगमेंट में एसेट क्वालिटी को लेकर कुछ दबाव दिख रहा है। उधर, सरकार के पूंजीगत खर्च में कमी देखने को मिली है। साथ ही मानसून की ज्यादा बारिश का असर डिमांड पर पड़ा है। मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि Nifty के FY25 के अनुमानित EPS में और एक फीसदी कमी की गई है। FY25 में अर्निंग्स ग्रोथ सिर्फ 5 फीसदी रहने का अनुमान है। यह FY20 के बाद से सबसे कम अर्निंग्स ग्रोथ है।
भारती एयरटेल सहित इन कंपनियों की अर्निंग्स अपग्रेड
दूसरी तिमाही के नतीजों के सीजन के बाद FY25 में भारती एयरटेल की अर्निंग्स अपग्रेड हुई है। इसे बढ़ाकर 16.3 फीसदी किया गया है। इसके बाद Tata Motors का अर्निंग्स ग्रोथ 11.6 फीसदी रह सकती है। Tech Mahindra की अर्निंग्स ग्रोथ 8.8 फीसदी रह सकती है। Hindalco की अर्निंग्स ग्रोथ 8.6 फीसदी रह सकती है। सबसे ज्यााद अर्निंग्स डाउनग्रेड बीपीसीएल का हुआ। इसमें 34.3 फीसदी कमी देखने को मिली। इंडसइंड में 16.7 फीसदी और अल्ट्राटेक सीमेंट में 15.5 फीसदी कमी देखने को मिली।
बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर
सेक्टर की बात की जाए तो बैंकों का प्रदर्शन दूसरी तिमाही में कमजोर रहा। प्राइवेट बैंकों के मार्जिन पर दबाव देखने को मिला। सरकार बैंकों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा, जिसकी वजह उम्मीद से कम प्रोविजनिंग है। ऑटो सेक्टर की कंपनियों के लिए ग्रामीण इलाकों से अच्छी खबर आई है। ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ रही है। इनफ्लेशन और खराब मौसम का असर कंज्यूमर डिमांड पर पड़ा। इससे वॉल्यूम ग्रोथ कम रही।
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आईटी कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी
ऑयल एंड गैस कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर रहा। इस वजह से EBITDA और PAT में उम्मीद से ज्यादा गिरावट देखने को मिली। आईटी कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी रही। लेकिन, आईटी कंपनियों ने आगे अनिश्चित माहौल को देखते हुए सावधानी भरा आउटलुक दिया है। हेल्थकेयर कंपनियों का EBITDA उम्मीद से बेहतर रहा। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सरकार के खर्च में वृद्धि दिख सकती है। साथ ही खरीफ की फसल अच्छी रहन की उम्मीद है। इससे ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ सकती है। इससे कंपनियों के लिए FY25 की दूसरी छमाही बेहतर रह सकती है।