मणिपुर में हालात फिर से बेकाबू होने लगे हैं। जिरीबाम जिले की एक नदी से 6 लापता व्यक्तियों के शवों मिलने के बाद हिंसा भड़क गई है। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को तीन मंत्रियों छह विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया। सीएम आवापस पर निशाना साधा। हालांकि यह सीएम का सरकारी आवास नहीं था। सुरक्षा बलों ने भीड़ के तितर-बितर करने के लिए आंसू के गोले दागे। राज्य सरकार ने पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया। करीब 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। गुस्साई भीड़ ने चर्च पर भी हमला कर दिया। यह सब मणिपुर में मौजूद भारी संख्या में सेना और अन्य सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बाद हुआ है।
वहीं इंफाल घाटी जिलों के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा की जानकारी सामने आई है। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सीएम एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत 6 में से तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की। उनकी संपत्तियों को आग लगा दी। कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कारण इंफाल घाटी के इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, मणिपुर की इंफाल घाटी में 11 नवंबर, 2024 को एक ही परिवार के छह लोग लापता हो गए थे। जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अब इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं कि इन लापता लोगों के शव असम के साथ राज्य की सीमा पर एक नदी से बरामद किए गए हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि इस घटना को कुकी समुदाय ने अंजाम दिया है। जैसे ही इसकी जानकारी मैतयी समुदाय समाज के लोगों को हुई तो उनकी भीड़ बेकाबू हो गई। तोड़फोड़ शुरू कर दिया। इसके बाद सड़क पर उतरे लोगों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। ये वो जिले हैं जहां मैतयी समाज के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।
मंत्री ने की इस्तीफे की पेशकश
प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री सापम रंजन के घर पर भी हमला किया। उनका यह घर इंफाल पश्चिम जिले के लम्पेल संकेइथेल में है। पुलिस ने बताया कि सापम ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे छह हत्याओं के मामले को कैबिनेट बैठक में उठाएंगे। अगर सरकार जनता की भावना का सम्मान नहीं करती है। तब ऐसी स्थिति में वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।