Gold Bullion Market: अगले साल जनवरी 2025 से सरकार सभी गोल्ड बुलियन पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने जा रही है। यह नियम सभी प्रकार के गोल्ड बुलियन, यहां तक कि आयातित सोने पर भी लागू होगा। यानी, हॉलमार्किंग का नियम ग्राहकों के साथ ज्वैलर और बुलियन बाजार पर भी लागू होगा। भारत में आयात होने वाला सोना भी हॉलमार्क होगा। सरकार इस पूरे प्रोसेस को चरणबद्ध तरीके से लागू करने वाली है।
सरकार ने बना लिया है प्लान
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के अधिकारी के मुताबिक इस विषय पर सभी संबंधित पक्षों के बीच सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि देश में आने वाला हर सोना मानक नियमों के तहत आना चाहिए। इस पर बनी उप-समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, और हमें इसे लागू करने का विश्वास है।
क्या है अनिवार्य हॉलमार्किंग?
हॉलमार्किंग नियम के तहत गोल्ड बुलियन जो गहने बनाने के लिए उपयोग होता है, उसकी शुद्धता को तय करने का काम करेगा। हॉलमार्किंग से बाजार में बेचे जाने वाले गहने और कलाकृतियों (Artifacts) में तय शुद्धता की पहचान संभव होगी।
इन पर नहीं लागू होंगे नियम
सूत्रों के अनुसार जो बुलियन गहने और कलाकृतियां बनाने के लिए जौहरी स्वयं उपयोग करेंगे, वे इस अनिवार्यता से मुक्त रहेंगे। इसके अलावा सभी अस्सेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर बुलियन की शुद्धता की जांच के लिए मान्य होंगे। यह कदम ग्राहकों को हाई क्वालिटी और शुद्धता वाले सोने की गारंटी देगा, जिससे सोने के कारोबार में विश्वास बढ़ेगा।