Wall Street: वॉल स्ट्रीट के मुख्य इंडेक्स शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए, एसएंडपी 500 और नैस्डैक ने दो सप्ताह में अपनी सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट दर्ज की। इसका कारण ब्याज दरों में धीमी कटौती की चिंता और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वजयी डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के चयन पर निवेशकों की प्रतिक्रिया रही।
फेडरल रिजर्व के प्रेसीडेंट जेरोम पॉवेल ने गुरुवार को अच्छे आर्थिक विकास, मजबूत रोजगार बाजार और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के 2 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर के महंगाई का हवाला देते हुए कहा कि भविष्य में ब्याज दरों में कटौती पर सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है।
सीएमई फेडवॉच टूल के मुताबिक अब पहले से ज्यादा ट्रेडर्स का मानना है कि यूएस फेड अपनी दिसंबर की बैठक में दरों में बदलाव नहीं करेगा। दरों में बदलाव न होने की संभावना लगभग 42 फीसदी है, जबकि एक महीने पहले यह लगभग 14 फीसदी थी। ट्रेडर्स ने 2025 में दरों में ढील की उम्मीदों को भी कम कर दिया है।
शुक्रवार को आए आर्थिक आंकड़ों से भी इस धारणा को बल मिलता है। ताजे आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में अमेरिकी खुदरा बिक्री उम्मीद से थोड़ी ज्यादा बढ़ी है। आयात की कीमतों में भी उछाल आया है और बुधवार और गुरुवार को जारी आंकड़ों से इंफ्लेशन में बढ़त दिखी है।
ह्यूस्टन में वॉन नेल्सन के डिप्टी चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफीसर एडम रिच ने कहा, “पिछले 48 घंटों में हमारे सामने कुछ बहुत बड़े बदलाव आए हैं। ये बदलाव न केवल चुनाव से बल्कि उम्मीद से बेहतर आर्थिक आंकड़ों से के कारण आए हैं। पॉवेल ने ब्याज दरों में कटौती को लेकर बहुत आक्रामक नहीं होने की बात कही है। इसके चलते ब्याज दरों में कटौती को लेकर बाजार की उम्मीदें काफी कम हो गई हैं। हालांकि अब बाजार अमेरिकी चुनाव के कारण हुई काफी तेजी से प्रतिक्रिया के बाद फिर से सेटल हो रहा है।”
सप्ताहिक आधार पर देखें तो एसएंडपी 500 में 2.08% की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक में 3.15% की गिरावट आई, जो दो महीने से अधिक समय की इसकी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट थी। सप्ताह के दौरान डाओ जोन्स में 1.24% की गिरावट आई।
शुक्रवार को डाओ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 305.87 अंक या 0.70% गिरकर 43,444.99 पर आ गया, एसएंडपी 500 78.55 अंक या 1.32% गिरकर 5,870.62 पर आ गया और नैस्डैक कंपोजिट 427.53 अंक या 2.24% गिरकर 18,680.12 पर आ गया। स्मॉल-कैप रसेल 2000 इंडेक्स 1.4% नीचे बंद हुआ, यह लगातार चौथा सत्र था जिसमें यह लाल निशान में बंद हुआ।