प्रमुख वाहन और कलपुर्जा निर्माता कंपनियों के शेयरों को कुछ समय से दबाव का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चार सप्ताह में इनमें से कुछ शेयरों में 23 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। इस दौरान संवर्द्धन मदरसन इंटरनैशनल (एसएमआईएल) 22.8 प्रतिशत, एक्साइड इंडस्ट्रीज 21.1 प्रतिशत, बजाज ऑटो 20.3 प्रतिशत, हीरो मोटोकॉर्प 17.1 प्रतिशत और टाटा मोटर्स 16.5 प्रतिशत तक गिरे हैं।
बॉश, टीवीएस मोटर कंपनी, मारुति सुजूकी इंडिया, भारत फोर्ज और एमआरएफ जैसे शेयर अक्टूबर के आखिरी दो सप्ताह और नवंबर के पहले दो सप्ताह में 15 से 18 प्रतिशत के बीच टूट गए। निफ्टी ऑटो पिछले एक महीने में 13.4 प्रतिशत टूटा जबकि निफ्टी-50 में 6.3 प्रतिशत कमजोरी आई। यह गिरावट यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की मांग में लगातार कमी की आशंका के कारण आई है।
विश्लेषकों का मानना है कि शेयरों में गिरावट कमजोर मासिक बिक्री, डीलरों के पास वाहनों का ज्यादा भंडार होने और उत्पादन में नरमी की वजह से आई है। कमजोर मांग की वजह से निर्माता उत्पादन में कमी कर रहे हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘हालांकि त्योहारी सीजन के दौरान कुछ पुराना स्टॉक खप गया लेकिन हमें अभी यह पूरी तरह से पता नहीं चला है कि अक्टूबर के अंत तक डीलरों के पास कितने वाहन बिना बिके पड़े थे।’
मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि महामारी के बाद कारों की मांग का जो सिलसिला फिर से तेज हुआ था, वह अब कमजोर पड़ गया है। इसकी वजह सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति में कमी रही जिससे उत्पादन पर असर पड़ा। भार्गव ने कहा, ‘इस साल हम 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले कार सेगमेंट में धीमी वृद्धि देख रहे हैं। यह सेगमेंट बाजार में दो-तिहाई योगदान देता है। सिर्फ 10 लाख से अधिक कीमत वाली कारों की बिक्री बढ़ रही है। इसलिए कुल बिक्री सुस्त है।’
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारतीय वाहन रिटेल क्षेत्र ने 6.55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
सितंबर 2024 में ऑटो रिटेल क्षेत्र ने कुल बिक्री में सालाना आधार पर 9.26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। दोपहिया में 8.51 प्रतिशत, यात्री वाहनों में 18.81 प्रतिशत और वाणिज्य वाहनों में सालाना आधार पर 10.45 प्रतिशत की गिरावट आई। अक्टूबर 2024 में त्योहारी मांग की वजह से वृद्धि में सुधार आया और दोपहिया ने सालाना आधार पर 11 प्रतिशत, ट्रैक्टर खंड में 29 प्रतिशत और यात्री वाहनों की बिक्री में 4 प्रतिशत तक की तेजी आगई लेकिन तिपहिया बिक्री 3 प्रतिशत तक घट गई।
निवेश रणनीति
कमजोर मांग के बावजूद विश्लेषकों का कहना है कि वाहन शेयरों में ताजा गिरावट की वजह से बड़ी गिरावट का जोखिम अब सीमित है। इससे दीर्घावधि निवेशकों के लिए अवसर है। जसानी के अनुसार अल्पावधि में वाहन शेयरों को अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन उनका मानना है कि ग्रामीण इलाकों में फसल कटाई सीजन शुरू होने की वजह से कुछ सप्ताह में सुधार देखा जा सकता है। आकर्षक मूल्यांकन की वजह से उन्हें दोपहिया सेगमेंट पसंद है, क्योंकि यात्री वाहन सेगमेंट को रिकवर होने में ज्यादा वक्त लग सकता है।