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रिलायंस के शेयरों में उछाल! CLSA को 30% की बढ़त की उम्मीद

पिछले दो महीनों में रिलायंस के शेयर में 15% की गिरावट दर्ज की गई है। यह 8 जुलाई को अपने रिकॉर्ड हाई ₹1,608.95 से 22% नीचे है और 2024 में अब तक के सबसे निचले स्तर पर ट्रेड कर रहा है। रिलायंस के शेयरों में यह गिरावट Jio और रिटेल के संभावित IPO में देरी और रिटेल बिजनेस की धीमी वृद्धि के कारण हुई है। हालांकि, Jio और रिटेल में सुधार पर निवेशकों का ध्यान बना हुआ है, लेकिन नई ऊर्जा परियोजनाओं की शुरुआत एक बड़ा अवसर हो सकता है, जिसे फिलहाल नजरअंदाज किया जा रहा है।

CLSA ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को एक आकर्षक निवेश विकल्प बताया है और इसके शेयर पर ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग देते हुए 12 महीने का ₹1,650 का टारगेट प्राइस तय किया है।

रिलायंस की 20 GW सौर ऊर्जा गीगाफैक्ट्री, जो अगले 3-4 महीनों में लॉन्च होने वाली है, को घरेलू और वैश्विक साझेदारियों से तकनीकी बढ़त का लाभ मिलेगा। CLSA का मानना है कि सौर ऊर्जा व्यवसाय का मूल्यांकन $30 अरब हो सकता है। हालांकि, वर्तमान में रिलायंस के शेयर का मूल्य नई ऊर्जा परियोजनाओं को शामिल किए बिना ही आंका जा रहा है।

रिलायंस आने वाले महीनों में अपनी नई ऊर्जा परियोजना की शुरुआत करेगी। कंपनी ने अगले 5-7 सालों में अपने नई ऊर्जा व्यवसाय को तेल-से-रसायन (O2C) व्यवसाय जितना बड़ा बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसका EBITDA FY24 में $7.5 अरब था।

CLSA का नजरिया

CLSA का कहना है कि नई ऊर्जा परियोजनाओं की शुरुआत और सोलर गीगाफैक्ट्री का लॉन्च निवेशकों के लिए बड़ा मौका हो सकता है। साथ ही, सोलर एनर्जी की ग्लोबल कीमतों में सुधार रिलायंस के शेयरों के मूल्य बढ़ाने में मदद कर सकता है।

फिलहाल, नई ऊर्जा परियोजनाओं का मूल्यांकन शेयर की कीमत में पूरी तरह शामिल नहीं है। सोलर एनर्जी सेक्टर में हाल की लिस्टिंग्स ने निवेशकों में बड़ा उत्साह पैदा किया है, जिससे यह सेक्टर मजबूत संभावनाएं दिखा रहा है।

CLSA का अनुमान: रिलायंस के शेयर में 72% तक की संभावित तेजी

विशेषज्ञों का मानना है कि रिलायंस के नई ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में देरी से निवेशकों की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि ठोस नतीजे न होने पर वे इन प्रोजेक्ट्स को ज्यादा महत्व नहीं देंगे। साथ ही, अगर रिलायंस रिटेल की धीमी वृद्धि 2-3 तिमाहियों से ज्यादा चली, तो यह कंपनी के लिए नकारात्मक हो सकता है। इसके अलावा, 5G पर किए गए निवेश से कमाई की स्पष्टता न होने से टेलीकॉम व्यवसाय पर भी असर पड़ सकता है।

ब्लू-स्काई अनुमान: 72% की संभावित तेजी

CLSA का मानना है कि Jio और रिटेल में मूल्य वृद्धि और नई ऊर्जा व्यवसाय का विस्तार अगर सफल होता है, तो रिलायंस के शेयर में 72% तक की बढ़ोतरी (₹2,186) हो सकती है।

SOTP आधारित मूल्यांकन

CLSA ने रिलायंस के ₹1,650 के टारगेट प्राइस को सम ऑफ द पार्ट्स (SOTP) आधार पर तय किया है:

O2C व्यवसाय: 8x EV/EBITDA
रिटेल व्यवसाय: 31x EV/EBITDA
Jio: 13.2x EV/EBITDA

रेनी-डे वैल्यूएशन: ₹1,234

CLSA ने बताया कि उनका ‘रेनी-डे’ मूल्यांकन ₹1,234 है, जो हाल के ट्रांजेक्शन्स पर आधारित है। इसमें रिटेल और Jio का मूल्यांकन किया गया है, लेकिन नई ऊर्जा व्यवसाय को कोई महत्व नहीं दिया गया है। O2C और अपस्ट्रीम व्यवसाय को पहले की तरह ही आंका गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रिलायंस के नई ऊर्जा प्रोजेक्ट्स और Jio व रिटेल के प्रदर्शन में सुधार की स्पष्टता आती है, तो शेयर में नए मौके पैदा हो सकते हैं।

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