स्टॉक मार्केट में पिछले डेढ़ महीने से जारी गिरावट ने निवेशकों को डरा दिया है। खासकर ऐसे इनवेस्टर्स ज्यादा चिंतित हैं, जिन्होंने पिछले तीन-चार साल में शेयरों में निवेश करना शुरू किया है। यह गिरावट कब तक जारी रहेगी? क्या इंडियन स्टॉक मार्केट का रिटर्न आगे अच्छा रहेगा? अभी इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए? सीएनबीसी-टीवी18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में 14 नवंबर को मार्केट के कई दिग्गज निवेशकों ने हिस्सा लिया।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
उन्होंने मार्केट्स के बारे में कई ऐसी बातें बताई, जो निवेशकों के जख्म के लिए मरहम साबित हो सकती हैं। उन्होंने निवेशकों को अपना निवेश बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखने वाले निवेशकों को मार्केट्स से शानदार रिटर्न मिलेगा।
20 साल में मार्केट 10-15 गुना हो जाएगा
Enam के मनीष चोखानी ने कहा कि अगर अगले दो दशक में स्टॉक मार्केट के प्रमुख सूचकांक अभी के लेवल से 10-15 गुना नहीं हो जाते हैं तो उन्हें हैरानी होगी। उन्होंने कहा, “इंडियन मार्केट में निवेश नहीं बनाए रखना एक रिस्क होगा।” बीएसई के मेंबर रमेश दमानी ने कहा कि एक या दो तिमाही में मार्केट में करेक्शन जारी रह सकता है। मोतीलाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रामदेव अग्रवाल ने कहा कि कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ में इम्प्रूवमेंट होगा। यह समय धैर्य बनाए रखने का है।
ग्रोथ में इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा हाथ होगा
NSE के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने इंडियन स्टॉक मार्केट्स के सफर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 25 साल पहले ‘सट्टा बाजार’ से शुरू हुआ यह सफर आज काफी आगे बढ़ चुका है। आज लिस्टेड शेयरों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन बैंकिंग सिस्टम का 1.5-2 गुना हो गया है। दमानी ने कहा कि इंडिया की ग्रोथ में इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा हाथ होगा। आज डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सबसे ज्यादा संभावना दिख रही है।
टेक्नोलॉजी पर आधारित बिजनेस का बेहतर प्रदर्शन
रामदेव अग्रवाल ने भी डिजिटल थीम के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई। उन्होंने खासकर कैपिटल मार्केट इंटरमीडियरीज पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि इनके जरिए ऐसी कई नई कंपनियां सामने आएंगी, जो इंडिया की समस्याओं का समाधान पेश करेंगी। चोखानी ने कहा कि लंबी अवधि में फाइनेंशियल सेक्टर का प्रदर्शन शानदार रहेगा। आशीष कुमार चौहान ने कहा कि निवेशकों को ऐसे बिजनेसेज पर फोकस करना चाहिए जो टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं।
इंडियन मार्केट्स के लिए लंबा सफर
मनीष चोखानी ने अमेरिकी इकोनॉमी और इसके फाइनेंशियल मार्केट्स का उदाहरण दिया। पूरी दुनिया के स्टॉक मार्केट्स के मार्केट कैपिटलाइजेशन में अमेरिकी स्टॉक मार्केट की 66 फीसदी हिस्सेदारी है। दुनियाभर की जीडीपी में अमेरिकी इकोनॉमी की 25 फीसदी हिस्सेदारी है। ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइजेशन में इंडियन मार्केट की सिर्फ 4 फीसदी हिस्सेदारी है। ग्लोबल जीडीपी में इंडियन इकोनॉमी की हिस्सेदारी 7-8 फीसदी है। इससे पता चलता है कि आगे इंडिया के लिए कितनी ज्यादा संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच साल में इंडियन करेंसी में मजबूती देखने को मिलेगी।
हर महीने होगा 10 अरब डॉलर का निवेश
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में इंडियन मार्केट का बाजार पूंजीकरण काफी ज्यादा हो जाएगा। आज हम इंडियन मार्केट में 10 अरब डॉलर की बिकवाली से चिंतित हैं। मेरा मानना है कि आगे सिर्फ एक महीने में 10 अरब डॉलर का निवेश होगा। उनका मतलब अक्टूबर में इंडियन स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशकों की बिकवाली से था। अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट में 1.1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बिकवाली की है।