पिछले 5 दिनों में सेंसेक्स करीब 2.5% यानि 2000 प्वाइंट गिर चुका है। ऐसे में एक डर जो निवेशकों को सता रहा है कि क्या ये मार्केट आगे और रुलाने वाला है या फिर रैली लौटने वाली है। कंपनियों की कमजोर अर्निंग के अलावा FII की बिकवाली के कारण शेयर बाजार में गिरावट है। ऐसे में रिटेल निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इस गिरावट से डरना चाहिए।
हमारे सहयोगी टीवी चैनल CNBC TV 18 के ग्लोबल लीडरशिप समिट मार्केट एक्सपर्ट और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने जो कहा है उसे सुनकर आपको थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। अग्रवाल ने कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि अर्निंग्स में सुस्ती है लेकिन असल चुनौती इसकी रिकवरी को लेकर है। अभी जो माहौल है उसे देखकर लग रहा है कि रिकवरी में कम से कम 6 महीने का वक्त लगेगा। इसमें वक्त लगेगा लेकिन रिकवरी तय है। अच्छी बात ये है कि इसके लिए किसी तरह के सरकारी पैकेज की जरूरत नहीं है।
FII की बेरुखी बनी मुसीबत
चीन के मार्केट की रिकवरी को देखकर FII भारतीय बाजार से निकल रहे हैं। और चीन में पैसा लगा रहे हैं। लेकिन जब तक FII इंडियन शेयर मार्केट में वापसी करेंगे तब तक निफ्टी इंडेक्स 30,000 तक पहुंच जाएगा। इंडियन शेयर मार्केट में पिछले 6-7 हफ्ते से FIIs बिकवाली कर रहे हैं। कुछ इनवेस्टर्स चीन में पैसा लगा रहे हैं तो कुछ को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अमेरिकी मार्केट अट्रैक्ट कर रहा है। चुनाव जीतने के साथ ही ट्रंप ने जो बयान दिए हैं उससे वहां के मार्केट को सपोर्ट मिल रहा है लेकिन इंडिया इंक के दूसरी तिमाही के नतीजे वैल्यूएशंस के हिसाब से नहीं आ रहे हैं।
इस पर रामदेव अग्रवाल का कहना है कि शेयर बाजार में आप तभी दाखिल होने की सोचिए जब आप में कमाल का धीरज हो। क्योंकि अगर धीरज नहीं तो प्रॉफिट नहीं। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा हालात में ये सलाह दी है कि शेयर मार्केट के अपने निवेश में बने रहिए। गिरावट में निकलने की भूल आपको चूना लगा सकता है।
बिकवाली में डरने की जरूरत नहीं
FII की बिकवाली से भारतीय निवेशकों को बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। लगभग सभी मार्केट एक्सपर्ट्स ने यही भरोसा जताया है। कोटक AM के MD Nilesh Shah ने कहा कि आज अगर FII बेच रहे हैं तो ये भाव है, सोचिए जब ये लेने आएंगे तो कौन से भाव पर लेकर जाएंगे। लगान फिल्म का एक डायलॉग है-दोगुना दाम देना पड़ेगा। हम भी वही डायलॉग दोहराएंगे।
निफ्टी सितंबर में 26,276 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था। तब से यह 10 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। दूसरे सूचकांक भी अपने लाइफ-टाइम हाई से काफी गिर चुके हैं। शाह ने यह भी कहा कि अभी मार्केट जिस लेवल पर है, उसमें हर गिरावट पर खरीदारी का मौका है।
ट्रंप की नीतियों से बढ़ेगी मुश्किल?
मार्केट एक्सपर्ट रमेश दमानी ने कहा, भारतीय मार्केट वैसे तो सेफ है लेकिन ट्रंप की वापसी से भारतीय बाजार पर कुछ असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अभी जो हुआ है वो पिछले 75 साल में नहीं हुआ। मुझे नहीं लगता कि लोग अभी इस मामले की गंभीरता को सही ढंग से समझ रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अमेरिकी प्रेसिडेंट की ताकत पर कोई लगाम नहीं है। ट्रंप का प्रभाव सदन, सीनेट, व्हाइट हाउस और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी है। इतना ही नहीं जनमत भी अब ट्रंप के साथ है।
दमानी ने कहा, मुझे सच में इस बात का डर है कि ट्रंप ये भी कह सकते हैं कि उन्होंने इमिग्रेशन रोका इसलिए हमने टैरिफ लगाया है। अमेरिका दुनिया भर के अप्रवासी लोगों से बना है। अब आने वाले दिनों ट्रंप के फैसले का भारतीय इकोनॉमी और यहां के शेयर बाजार पर असर पड़ने वाला है। लेकिन इंडिया के मामले में ये अच्छी बात है कि यहां कि डोमेस्टिक इकोनॉमी मजबूत है तो आने वाला टाइम हमारे लिए अच्छा रहेगा।