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Zomato vs Swiggy: जोमैटो और स्विगी में किसके स्टॉक में निवेश से मिलेगा ज्यादा रिटर्न?

जोमैटो और स्विगी के बीच मुकाबला अब स्टॉक मार्केट में भी होगा। स्विगी के शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो चुके हैं। इससे पहले जोमैटो अकेली लिस्टेड कंपनी थी। जोमैटो के शेयर 2021 में लिस्ट हुए थे। एनालिस्ट्स का कहना है कि स्विगी की लिस्टिंग के बाद अब जोमैटो को स्टॉक मार्केट में भी अपने प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला करना होगा। अभी कई सेगमेंट में जोमैटो स्विगी से आगे हैं। लेकिन, जोमैटो की ज्यादा वैल्यूएशन को देखते हुए स्विगी के शेयरों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद दिख रही है।

मैक्वायरी कैपिटल में इक्विटी रिसर्च के प्रमुख आदित्य सुरेश ने कहा कि फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स बिजनेस में जोमैटो से स्विगी 4-6 तिमाही पीछे है। स्विगी मंथली ट्रांजेक्टिंग यूजर्स (MTUs) बढ़ाने पर फोकस कर रही है। हालांकि, क्विक कॉमर्स सेगमेंट में पैठ बनाना काफी मुश्किल है। Blinkit एडजस्टेड EBITDA मार्जिन ब्रेकइवन पर पहुंच गई है। लेकिन, Instamart कंट्रिब्यूशन मार्जिन लेवल पर भी लॉस में चल रही है।

अभी स्विगी और जोमैटो के बीच काफी ऑपरेशनल गैप दिख रहा है। शॉर्ट टर्म में जोमैटो का प्रदर्शन बेहतर रहने की संभावना है। जोमैटो के बिजनेस का प्रदर्शन भी स्विगी के मुकाबले बेहतर रहने की उम्मीद है। लेकिन, इसके शेयरों का प्रदर्शन उसके मुताबिक नहीं रहेगा। जोमैटो के शेयर पहले से काफी हाई वैल्यूएशन पर पहुंच गए हैं। इसलिए इसकी रिरेटिंग की संभावना कम है। स्विगी के शेयरों की मौजूदा वैल्यूएशन जोमैटो के मुकाबले डिस्काउंट पर दिख रही है।

जोमैटो के अगर हायर ट्रांजेक्टिंग बेस को छोड़ दिया जाए तो दूसरे मानकों पर दोनों प्लेटफॉर्म एक जैसे नजर आते हैं। अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर स्विगी का मंथली ट्रांजेक्टिंग यूजर (MTU) बेस FY24 के अंत में 1.27 करोड़ था। यह जोमैटो के 1.84 करोड़ से कम है। ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल्स का कहना है कि जोमैटो के एनुअल ट्रांजेक्शन यूजर्स ज्यादा हैं। छोटे शहरों में इसकी ज्यादा मौजूदगी है। मेंबरशिप सब्सक्रिप्शन की संख्या भी ज्यादा है। इससे स्विगी के मुकाबले जोमैटो का MTUs ज्यादा रहेगा।

ट्रांजेक्टिंग यूजर्स, एवरेज ऑर्डर वैल्यू, क्षमता और टेक रेट्स के आधार पर इंस्टामार्ट के मुकाबले ब्लिंकिट काफी आगे है। इससे इंस्टामार्ट को ब्लिंकिट को टक्कर देने में मुश्किल आ सकती है। FY23 में दोनों क्विक कंपनियों का मंथली ट्रांजेक्टिंग यूजर (MTU) बेस एक जैसा था। लेकिन, ज्यादा ग्रोथ की वजह से ब्लिंकिट ने पिछली पांच तिमाहियों में इंस्टामार्ट को पीछे छोड़ दिया। ब्लिंकिट और इंस्टामार्ट के डार्क स्टोर काउंट्स भी करीब एक जैसा है लेकिन ब्लिंकिट का प्रति डार्क स्टोर ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू ज्यादा है। इससे ऑपरेशनल कॉस्ट कम रखने और प्रॉफिट बढ़ाने में मदद मिलती है।

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