विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन ने कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों को अपग्रेड किया है। ब्रोकरेज ने स्टॉक के लिए अपनी रेटिंग को न्यूट्रल से बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है। बैंक पर हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के एक्शन के बाद भारी बिकवाली देखी गई थी। इसके अलावा, बैंक के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर केवीएस मणियन ने इस्तीफा भी दे दिया था। हालांकि, ब्रोकरेज ने सपोर्टिव वैल्यूएशन का हवाला देते हुए बैंक की रेटिंग अपग्रेड की है। इतना ही नहीं, ब्रोकरेज ने स्टॉक के लिए अपना टारगेट प्राइस भी बढ़ा दिया है। बीते शुक्रवार को यह शेयर 1.81 फीसदी गिरकर 1547.25 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।
ब्रोकरेज को Kotak Mahindra Bank में 34 फीसदी रैली की उम्मीद
जेपी मॉर्गन ने स्टॉक के लिए अपने टारगेट प्राइस में भी इजाफा किया है। ब्रोकरेज ने इसके लिए 2070 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है। इसका मतलब है कि कंपनी के शेयरों में मौजूदा लेवल से करीब 34 फीसदी की रैली आ सकती है।
जेपी मॉर्गन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि FY25/26 ग्रोथ पर आरबीआई की कार्रवाई का असर कम होना चाहिए। Q4 में बैंक ने मजबूत कोर ऑपरेटिंग मेट्रिक्स का प्रदर्शन किया, जिसमें एक बार के लिए ए़डजस्टेड हेडलाइन प्रॉफिट JPMe से 8 फीसदी अधिक है। कोटक महिंद्रा बैंक ने RBI के बैन का कुल प्रभाव पीबीटी स्तर पर न्यूनतम 300-500 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। एनालिस्ट कॉल के दौरान केएमबी ने सिस्टम की तुलना में तेजी से विकास को बनाए रखने में भरोसा जताया है।
एसेट क्वालिटी मजबूत बनी हुई है और पूरे वर्ष NIM में गिरावट के बावजूद ROA स्थिर बने हुए हैं। नए सीईओ ने कोर टेक्नोलॉजी को मजबूत करने को प्राथमिकता दी। ब्रोकरेज ने कहा, “हमारा मानना है कि केएमबी अगले 2 वर्षों में 16 फीसदी सीएजीआर पर बैलेंस शीट को कंपाउंड करना जारी रख सकता है और यहां तक कि ROA नॉर्मलाइजेशन को भी कम कर सकता है।(एफ 24 2.6% से) हमारा मानना है कि बैंक की आय अगले 2 वर्षों में 16-17% सीएजीआर पर कंपाउंड हो सकती है, जिसमें बढ़ोतरी की गुंजाइश है।”
RBI ने की है कार्रवाई
RBI ने बैंक को डिजिटल माध्यम से नए ग्राहक जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगाई है। इस प्रतिबंध के बाद बैंक के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, केवीएस मणियन ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें हाल ही में इस पद पर प्रमोट किया गया था। RBI ने कोटक महिंद्रा बैंक को तुरंत प्रभाव से ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनल्स के जरिए नए ग्राहक नहीं बनाने को कहा है। इसके अलावा बैंक को नए क्रेडिट कार्ड्स जारी नहीं करने को भी कहा गया है। पिछले तीन सालों में RBI के रुख में बदलाव आया है। अब केंद्रीय बैंक नॉन-कंप्लायंस पर सख्त कदम उठा रहा है। वह बैंकों और एनबीएफसी की सेवाओं पर रोक लगा रहा है। पहले वह ऐसे मामलों में पेनाल्टी लगाता था।