Market view : 13 नवंबर को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक लगातार पांचवें सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए और निफ्टी 23,600 से गिर गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 984.23 अंक या 1.25 फीसदी की गिरावट के साथ 77,690.95 पर बंद हुआ और निफ्टी 324.50 अंक या 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 23,559 पर बंद हुआ।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि कमजोर कॉर्पोरेट आय और घरेलू महंगाई के 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के साथ ही एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली ने निवेशकों का सेंटीमेंट खराब कर दिया है। इसके आरबीआई द्वारा निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। मीडियम और स्मॉल कैप शेयरों पर सबसे बुरा असर पड़ा है। जबकि फाइनेंशियल और ऑटो सेक्टर में भी काफी कमजोरी आई है। यह ट्रेंड सभी उभरते बाजारों में दिखाई दे रहा है। दुनिया भर के बाजार अमेरिकी नीतियो को लेकर चिंतित हैं। मजबूत अमेरिकी डॉलर और बढ़ती यूएस बॉन्ड यील्ड उभरते बाजारों को परेशान कर रही है।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि महंगाई एक बार फिर तेजी से बढ़ रही है और आरबीआई के टॉलरेंस लिमिट से ऊपर पहुंच गई है। केंद्रीय बैंक द्वारा निकट भविष्य में किसी भी दर कटौती की उम्मीदें कम होने से बाजारों में हलचल मच गई है। एफआईआई की लगातार बिकवाली, बढ़ती यूएस बॉन्ड यील्ड निराशाजनक कॉर्पोरेट अर्निंग्स ने विदेशी निवेशकों को चीन जैसे अपेक्षाकृत सस्ते बाजारों में अपना पैसा लगाने के लिए आकर्षित किया है।
पीएल कैपिटल – प्रभुदास लीलाधर के विक्रम कसाट का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से लगातार बिकवाली के बीच आज सूचकांकों में लगातार पांचवें सत्र में गिरावट देखने को मिली। लगातार हो रही गिरावट ने निवेशकों के विश्वास को हिला दिया है। यह गिरावट हाई वैल्यूएशन और मौक्रे इकोनॉमिक अनिश्चितताओ के बीच निवेशकों की बढ़ती सतर्कता का संकेत है। इसके चलते निफ्टी और सेंसेक्स दोनों आज अपने-अपने पांच महीने के निचले स्तर पर फिसल गए।
बाजार की हालिया मंदी विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, कमजोर नतीजों और बढ़ती महंगाई के कारण और भी तीव्र हो गई है। सितंबर के अंत से, विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजार में लगभग 14 बिलियन डॉलर की बिकवाली की। कॉर्पोरेट आय भी बाजारों को आश्वस्त करने में विफल रही है। कई कंपनियों ने चार वर्षों के अपने सबसे कमजोर तिमाही नतीजे पेश किए हैं।
इस तनाव को और बढ़ाते हुए अक्टूबर की खुदरा महंगाई 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे निकट भविष्य में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि आज सेंसेक्स-निफ्टी में ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली जारी रही। निफ्टी आज 324 अंक गिरा जबकि सेंसेक्स 984 अंक नीचे बंद हुआ। सभी अहम सेक्टोरल इंडेक्सों में ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली देखने को मिली। तकनीकी रूप से देखें तो कमजोर शुरुआत के बाद पूरे दिन बाजार ने ऊपरी स्तरों पर बिकवाली का दबाव बना रहा। इसके अलावा, डेली चार्ट पर बियरिश कैंडल मौजूदा स्तरों से और अधिक कमजोरी आने का संकेत दे रही है। बाजार की मौजूदा बनावट कमजोर है लेकिन यह ओवरसोल्ड भी है। ऐसे में हमें मौजूदा स्तरों से एक तेज इंट्राडे पुलबैक रैली की उम्मीद दिख रही है।
रेलीगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि निफ्टी अब तक अपने रिकॉर्ड हाई से 10 फीसदी से ज्यादा टूट गया है और अपने अहम मूविंग एवरेज सपोर्ट पर पहुंच गया है। खास बात ये है कि बेंचमार्क इंडेक्स के साथ-साथ बैंकिंग इंडेक्स, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने भी आज 200 DEMA पर स्थित लॉन्ग टर्म सपोर्ट को छू लिया। सपोर्ट और ओवरसोल्ड स्थितियों का यह संगम बाजार में निचले स्तरों से वापसी को ट्रिगर कर सकता है। हालांकि कोई भी रिकवरी चुनिंदा स्टॉकों तक ही सीमित रह सकती है। ट्रेडरों को सलाह है कि वे पोजीशन पर बारीकी से नज़र रखें और एक हेज्ड रणनीति बनाए रखें।
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