नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी का आईपीओ आज बुधवार को शेयर मार्केट में लिस्ट हो गया। लिस्टिंग पर इसने निवेशकों को मुस्कुराने का मौका दे दिया। BSE पर यह 5.64 फीसदी प्रीमियम के साथ 412 रुपये पर लिस्ट हुआ। वहीं NSE पर यह 7.69 फीसदी प्रीमियम के साथ 420 रुपये पर लिस्ट हुआ। इसने लिस्टिंग पर ही निवेशकों को फायदा दे दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिस्टिंग थोड़ी कमजोर है लेकिन गिरते मार्केट को देखें तो काफी बेहतर है। ऐसे में अभी इसके शेयर को होल्ड करके रखें। बेचने की जल्दबाजी न दिखाएं। आने वाले कुछ समय में यह अच्छा रिटर्न दे सकता है।
कितने का हुआ फायदा?
इस शेयर का प्राइस बैंड बैंड 371 से 390 रुपये था। बाद में इसका प्राइस 390 तय हुआ। चूंकि इसकी BSE पर लिस्टिंग 412 रुपये पर हुई है। ऐसे में इसने निवेशकों को प्रति शेयर 22 रुपये का फायदा दिया है।
निवेशकों का नहीं मिला था अच्छा रिस्पॉन्स
इस शेयर को निवेशकों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था। इसका आईपीओ 6 नवंबर को निवेश के लिए खुला था और 8 नवंबर को बंद हो गया था। शुरू के दो दिन निवेशकों का ठंडा रिस्पॉन्स रहा। हालांकि तीसरे और अंतिम दिन संस्थागत निवेशकों ने इसकी लाज बचाई और यह 3.6 गुना सब्सक्राइब हो पाया।
ग्रे मार्केट में भी नहीं मिला था भाव
इस आईपीओ को ग्रे मार्केट में भी अच्छा भाव नहीं मिला था। जिस दिन इस आईपीओ का प्राइस बैंड तय हुआ था, उस दिन इसका जीएमपी यानी ग्रे मार्केट प्रीमियम 25 रुपये था। इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आती गई। एक दिन पहले यानी 12 नवंबर को इसका जीएमपी दिन में 2 रुपये और शाम को शून्य हो गया। जीएमपी के मुताबिक इस आईपीओ की फ्लैट लिस्टिंग के आसार थे। यानी न फायदा और न नुकसान। लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ। ग्रे मार्केट के भाव को झुठलाते हुए यह फायदे के साथ लिस्ट हुआ।
देश के महंगे आईपीओ में से एक
स्विगी का आईपीओ देश के महंगे आईपीओ में से एक रहा। पिछले महीने ही हुंडई का आईपीओ आया था जो देश का अब तक का सबसे महंगा आईपीओ था। हुंडई के आईपीओ का इश्यू साइज 27 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा था। वहीं स्विगी के आईपीओ का इश्यू साइज 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा था। यह इस साल अब तक का दूसरा सबसे महंगा आईपीओ था।