बाजार के आगे के चाल पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल ने कहा कि क्या है मर्फी का नियम ? जो भी चीज गलत हो सकती है वो गलत होगी। अब तक बाजार कमजोर नतीजों और FIIs की बिकवाली से जूझ रहा था। अब बाजार को कमजोर आर्थिक आंकड़ों और ग्लोबल संकेतों का भी सामना करना होगा। निफ्टी नवंबर के निचले स्तर 23,816 के करीब खुलने के लिए तैयार है। 23,535 पर 20 DMA हैं, जिसके छूने की संभावना बढ़ी है। अमूमन 200 DMA पर इंडेक्स संभल जाता है। आज दोपहर के बाद बाजार में तेज बाउंस बैक संभव है। आज बैंक निफ्टी का असली इम्तिहान है कि क्या अक्टूबर का निचला स्तर बचेगा?अब तक बैंक निफ्टी अक्टूबर का निचला स्तर बचा रहा है, लेकिन कल बड़ी बिकवाली दिखी।
बाजार: आज के संकेत
महीने दर महीने आधार पर रिटेल महंगाई 6.21% पर आई है। रिटेल महंगाई 14 महीने के शिखर पर पहुंची है। अनुज सिंघल ने कहा कि महंगाई की इस रफ्तार पर RBI दरें घटाने की सोच भी नहीं सकता। FIIs की बिकवाली ने फिर रफ्तार पकड़ी है और कैश में 3,024 करोड़ बेचा है। FIIs ने एक बार फिर फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में भी बिकवाली की है। निफ्टी का पुट कॉल रेश्यो एक्सट्रीम ओवरसोल्ड जोन में है।
अब क्या करें ट्रेडर?
अनुज सिंघल ने कहा कि गैप डाउन पर बिकवाली ना करें, रैली फेल होने पर बेचें। पोजिशनल शॉर्ट पर रोज ट्रेलिंग स्टॉपलॉस लगाएं। बाजार के सिगनल ना देने तक लॉन्ग ना करें। इंट्राडे में शॉर्ट कवरिंग के लिए भी तैयार रहें।
अब क्या करें निवेशक ?
अब तक नहीं बेचा तो अब मत बेचें। पोर्टफोलियो के अच्छी क्वॉलिटी के शेयरों में खरीदारी बढ़ाएं। खराब क्वॉलिटी और मोमेंटम शेयरों से अब भी निकलें। ये सिर्फ एक bearish चरण है, bear मार्केट नहीं है।
निफ्टी पर रणनीति
अनुज सिंघल ने कहा कि निफ्टी का पहला सपोर्ट 23,816 (नवंबर का निचला स्तर) पर है। बड़ा सपोर्ट 23,535 (200 DMA) पर है। संभव है कि बाजार 23,800 पर सभी के स्टॉपलॉस ट्रिगर करा दे। जब आखिरी लॉन्ग भी सिस्टम से बाहर हो जाएगा तब बाजार में भी तेजी आएगी। पहला रजिस्टेंस 23,900-24,000 पर है जबकि बड़ा रजिस्टेंस 24,100-24,200 पर है। दोनों तरफ ट्रेड के लिए तैयार रहें।
बैंक निफ्टी पर रणनीति
पहला अहम सपोर्ट 51,000 (3 बार यहां से रिकवरी आई है)। सबसे अहम सपोर्ट 51,200-51,400 (अक्टूबर का निचला स्तर) पर है। पहला रजिस्टेंस 51,200-51,500 पर है। HDFC बैंक और ICICI बैंक की चाल पर नजर जरूरी है। SBI के आकंड़े सेंटिमेंट सुधारने में नाकाम रहे हैं।
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