केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे पूंजी जुटाने के लिए मुनाफे में चल रही पावर कंपनियों को लिस्ट कराएं। खट्टर ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्री के साथ दिनभर चली लंबी बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘ हमने राज्यों से अनुरोध किया है कि बेहतर परफॉर्मेंस वाली जेनरेशन कंपनियां, ट्रांसमिशन कंपनियां और पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को एक्सचेंजों में लिस्ट कराने पर विचार करना चाहिए।’
उनका कहना था कि एक और जहां बैंक और वित्तीय संस्थान जैसे पारंपरिक स्रोत उपलब्ध हैं, वहीं राज्यों को अपना वित्तीय ठिकानों का विस्तार करना चाहिए। खट्टर का यह बयाान ऐसे वक्त में आया है, जब देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी NTPC लिमिटेड की रिन्यूएबल एनर्जी इकाई NTPC ग्रीन एनर्जी लिमिटेड अपना IPO लॉन्च करने को तैयार है।
केंद्रीय मंत्री का कहना था कि गुजरात और हरियाणा जैसे राज्य अपनी पावर कंपनियों को लिस्ट कराने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ शुरू में हम बेहतर साख वाली ट्रांसमिशन कंपनियों के साथ शुरुआत कर सकते हैं, उसके बाद जेनरेशन कंपनियों लिस्टिंग की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां अभी भी वित्तीय अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं, लिहाजा राज्यों को अपनी लिस्टिंग पर विचार करने से पहले संभावनाओं और रैंकिंग पर विचार करना चाहिए।’
मंत्री की तरफ से साझा किए गए डेटा के मुताबिक, डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों (discoms) का कुल कर्ज 6.84 लाख करोड़ रुपये है, जबकि कुल नुकसान 6.46 करोड़ रुपये है। पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन प्रोजेक्ट्स में जबरदस्त निवेश की जरूरत होती है। खट्टर का कहना ता कि देश के पावर सेक्टर में इस दशक में 22 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है।