बाजारों ने डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीति के बड़े पैमाने पर असर का आकलन किया। ये नीतियां घरेलू विकास को बढ़ावा देंगी, राजकोषीय घाटे और महंगाई को फिर से बढ़ाएंगी। मोटे तौर पर ट्रंप की नीतियों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद माना जाता है, जिससे डॉलर और अमेरिकी इक्विटी में तेजी आई है। अमेरिकी डॉलर 4 महीने के उच्चतम स्तर 105.44 पर पहुंच गया, जबकि तीनों प्रमुख वॉल स्ट्रीट सूचकांक- एसएंडपी 500, डॉव जोन्स और नैस्डैक ने ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने के बाद रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ।
कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च की AVP कायनात चैनवाला का कहना है कि इस बीच कॉमेक्स गोल्ड की कीमतों में लगभग 3 प्रतिशत की तेज गिरावट आई, जो 5 महीनों में इसकी सबसे बड़ी सिंगल-डे गिरावट थी। ट्रंप की जीत और रिपब्लिकन पार्टी द्वारा अमेरिकी सीनेट पर फिर से नियंत्रण हासिल करने से रिस्क-ऑन सेंटिमेट को बढ़ावा मिला, जिसने सोने पर दबाव डाला। एक महीने के निचले स्तर 2,650.30 डॉलर प्रति औंस तक गिरने के बाद सोने ने रिकवरी की कोशिश की। फेडरल रिजर्व द्वारा प्रमुख लेंडिंग रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद सोना 2,700 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से ऊपर पहुंच गया। हालांकि, मजबूत डॉलर और हाई ट्रेजरी यील्ड के कारण कीमत में फिर गिरावट आई और सोना सप्ताह के अंत में 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,694.80 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर बंद हुआ। बेस मेटल्स में कमजोरी के कारण चांदी में भी 4 प्रतिशत की गिरावट आई।
सिल्वर वायदा की चाल
MCX सिल्वर (दिसंबर वायदा) ने अपनी बढ़ती ट्रेंडलाइन को ब्रेकडाउन दिया है, जो बियरिश आउटलुक का संकेत देता है। कीमत अपने 21-पीरियड EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से भी नीचे कारोबार कर रही है, जो निगेटिव मोमेंटम की पुष्टि करता है। सपोर्ट 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर होने की संभावना है, अगर गिरावट जारी रहती है तो प्रमुख सपोर्ट 88,200 रुपये पर देखा जा सकता है। अपसाइड पर, रेजिस्टेंस 93,800 रुपये पर सेट है।
कच्चे तेल का हाल
चैनवाला के मुताबिक, एलएमई बेस मेटल्स मिश्रित रूप से बंद हुए। चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने अगले तीन वर्षों में स्थानीय सरकार के कर्ज को कम करने के उद्देश्य से 6 ट्रिलियन युआन (839 अरब डॉलर) के डेट स्वैप कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके बाद WTI क्रूड ऑयल में तेज गिरावट देखी गई। प्रोत्साहन पैकेज के आकार ने ग्रोथ को प्रोत्साहित करने या चीनी निर्यात पर अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभाव को कम करने में इसकी इफेक्टिवनेस को लेकर चिंताएं पैदा कीं। सप्ताह की शुरुआत में WTI क्रूड तीन सप्ताह के उच्च स्तर 72.88 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इसके पीछे सप्लाई में अड़चनों की आशंकाएं रहीं। जैसे कि ईरान और वेनेजुएला के तेल निर्यात पर सख्त प्रतिबंधों की उम्मीदें, गल्फ कोस्ट पर तूफान राफेल के कारण अमेरिकी कच्चे तेल का 22 प्रतिशत उत्पादन बंद होना।
नए सप्ताह में बाजार की किन चीजों पर रहेगी नजर
11 नवंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में बाजार अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों, खुदरा बिक्री के आंकड़ों और कई फेडरल रिजर्व अधिकारियों की टिप्पणियों पर बारीकी से नजर रखेंगे। फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने हाल ही में टिप्पणी की कि उन्होंने दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं किया है। साथ ही यह संकेत भी दिया कि इकोनॉमिक इंडीकेटर, फेड के अगले कदमों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
चैनवाला का कहना है कि जैसे-जैसे अमेरिकी चुनाव के बाद का उत्साह फीका पड़ता जा रहा है, बाजार अब “रेड स्वीप” सिनेरियो की संभावना पर फोकस कर रहे हैं, जहां रिपब्लिकन व्हाइट हाउस और कांग्रेस के दोनों सदनों को नियंत्रित करेंगे। इससे ट्रंप को टैक्स कटौती को आगे बढ़ाने और सीमा नियंत्रण उपायों को अधिक आसानी से लागू करने का फायदा मिल सकता है। वहीं अगर महंगाई का दबाव फिर से बढ़ने लगा, तो फेडरल रिजर्व दरों में अतिरिक्त कटौती को रोक सकता है, जिससे सोने की कीमतों पर दबाव बना रहेगा। मेटल मार्केट भी नरम रह सकता है।