7th Pay Commission: मोदी सरकार ने 16 अक्टूबर को देश के लगभग 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी खुशखबरी दी। सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में 3% की बढ़ोतरी की है, जिससे यह 50% से बढ़कर 53% हो गया है। इस घोषणा के बाद यह चर्चा फिर से शुरू हो गई है कि क्या डीए अब कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा। यह मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कर्मचारियों की तनख्वाह में बड़ा बदलाव हो सकता है।
क्या 53 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ेगा बेसिक सैलरी में?
पहले भी ऐसी अटकलें सामने आई थीं कि जब डीए 50% की सीमा पार करेगा, तो इसे बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा। छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) में यह सिफारिश की गई थी कि डीए जब 50% से अधिक हो जाए, तो इसे बेसिक सैलरी में शामिल कर देना चाहिए। सरकार ने इस मामले पर जवाब देते हुए कहा है कि वे इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार फिलहाल इस पर चर्चा कर रही है। हालांकि, अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
सरकार की चाहिए अनुमति
पांचवें और छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में भी सुझाव दिया गया था कि महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी के साथ मिलाकर महंगाई सैलरी बनानी चाहिए। 2004 में इसी सिफारिश के आधार पर मूल वेतन के 50% डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज किया गया था ताकि रिटायरमेंट और अन्य लाभों की कैलकुलेशन में इसका उपयोग किया जा सके। हालांकि, इसके बाद से इस नियम में बदलाव किए गए हैं और इसे हर बार लागू नहीं किया गया है। डीए और डीआर को बेसिक सैलरी में मर्ज करने का फैसला सरकार की अनुमति के बाद ही लागू होगा।
सैलरी पर होगा ये असर
कर्मचारियों को अब 53% की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। जब डीए 50% तक बढ़ा था, तब भी यह उम्मीद थी कि इसे बेसिक सैलरी में शामिल कर दिया जाएगा। अब जबकि डीए 53% पर पहुंच गया है, इस पर चर्चा फिर से गर्म हो गई है। केंद्रीय कर्मचारियों को बेसिक सैलरी में डीए के मर्ज होने से उनके वेतन ढांचे में एक स्थायी बदलाव आएगा और इससे भविष्य के भत्तों और लाभों की गणना पर भी असर पड़ सकता है। सरकार ने इस मामले पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन मंत्री के बयान से उम्मीद जताई जा रही है कि इस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।