FII Buying Stock: पिछले महीने अक्टूबर में संस्थागत खरीदारी और बिकवाली का रिकॉर्ड बना। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने घरेलू इक्विटी मार्केट में रिकॉर्ड बिकवाली की और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने रिकॉर्ड खरीदारी की। अक्टूबर में ऐसा कोई दिन नहीं रहा, जिस दिन विदेशी निवेशकों ने खरीदारी से अधिक बिकवाली न की हो तो दूसरी तरफ डीआईआई ने हर दिन बिकवाली से अधिक खरीदारी है। हालांकि कुछ शेयर ऐसे भी रहे जिनमें दोनों का रुझान एक जैसा रहा और उनमें से एक रहा IDFC First Bank। इसके शेयरों की गिरावट ने दोनों को मौका दिया और दोनों ही चूके नहीं और जमकर खरीदारी की।
IDFC First Bank में कितनी बढ़ी FIIs और DIIs की हिस्सेदारी
पिछले महीने अक्टूबर में FIIs ने भारतीय इक्विटी मार्केट में 1,14,445.89 करोड़ रुपये की नेट बिक्री की जबकि दूसरी तरफ DIIs ने 1,07,254.68 करोड़ रुपये के शेयरों की रिकॉर्ड नेट खरीदारी की। वहीं आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की बात करें तो सितंबर तिमाही के आखिरी में में एफआईआई की हिस्सेदारी 19.90 फीसदी थी और डीआईआई की हिस्सेदारी 15.20 फीसदी थी। इसके बाद BSE पर मौजूद 11 अक्टूबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक एफआईआईज की हिस्सेदारी तेजी से बढ़कर 27.30 फीसदी और डीआईआई की 25.40 फीसदी हो गई है यानी कि दोनों की कुल मिलाकर हिस्सेदारी 35.1 फीसदी से बढ़कर 52.7 फीसदी हो गई।
भारी डिस्काउंट पर मिल रहे शेयर
पिछले महीने FIIs और DIIs ने जब आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर खरीदे थे तो यह ₹72-₹73 के आस-पास था। इस लेवल से यह 8-10 फीसदी टूट चुका है और फिलहाल BSE पर यह 65.65 रुपये के भाव पर है। पिछले साल 19 दिसंबर 2023 को यह 92.33 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर था। इस रिकॉर्ड हाई से 11 महीने में यह करीब 36 फीसदी टूटकर कुछ दिनों पहले 28 अक्टूबर 2024 को एक साल के निचले स्तर 59.24 रुपये पर आ गया था। हालांकि निचले स्तर पर जमकर खरीदारी हुई और यह करीब 11 फीसदी रिकवर हो गया लेकिन अब भी रिकॉर्ड हाई से यह करीब 29 फीसदी नीचे है।
ब्रोकरेजेज का क्या है रुझान?
इंडमनी पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को 18 एनालिस्ट्स कवर कर रहे हैं। इन्होंने जो टारगेट प्राइस फिक्स किया है, उसमें सबसे अधिक टारगेट 95 रुपये और न्यूनतम 58 रुपये है। अधिकतम टारगेट मौजूदा लेवल से करीब 45 फीसदी अपसाइड है।
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