एचडीएफसी बैंक के शेयरों का प्रदर्शन बीते एक साल में निफ्टी के मुकाबले कमजोर रहा है। बैंक के शेयरों पर एचडीएफसी के विलय का असर पड़ा है। 2022 में एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी के विलय का ऐलान हुआ था। विलय का असर एचडीएफसी बैंक की बिजनेस ग्रोथ पर पड़ा है। मुनाफा कमाने की इसकी क्षमता में भी कमी आई है। सितंबर के अंत में लोन ग्रोथ घटकर 7 फीसदी पर आ गई। हालांकि, बैंक की डिपॉजिट ग्रोथ स्ट्रॉन्ग है। सितंबर अंत में यह ग्रोथ साल दर साल आधार पर 15 फीसदी रही।
FY26 से ग्रोथ पकड़ सकती है रफ्तार
एचडीएफसी बैंक के मैनेजमेंट ने कहा है कि FY25 में एचडीएफसी की ग्रोथ इंडस्ट्री की ग्रोथ से कम रह सकती है। लेकिन, FY26 में एचडीएफसी बैंक की ग्रोथ इंडस्ट्री की ग्रोथ के बराबर आ जाएगी। FY27 से एचडीएफसी बैंक की ग्रोथ तेजी से बढ़नी शुरू होगी। इसका मतलब है कि शॉर्ट टर्म में लोन मार्केट में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी घट सकती है। हालांकि, यह एचडीएफसी बैंक के लिए पॉजिटिव होगा। ऐसा लगता है कि लोन ग्रोथ की रफ्तार सुस्त करने की कोशिश जानबूझकर की गई है। इसका मकसद क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो (CD Ratio) बढ़ाना हो सकता है।
सीडी रेशियो में कमी का मिलेगा फायदा
एचडीएफसी के विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का सीडी रेशियो दिसंबर 23 में 110 फीसदी के हाई लेवल पर पहुंच गया था। उसके बाद से इसमें कमी आई है। FY25 की दूसरी तिमाही में फिर से गिरावट देखने को मिली। यह 100 फीसदी पर आ गया। इसमें ज्यादा डिपॉजिट ग्रोथ का हाथ रहा। दूसरी तिमाही में लिक्विडिटी कवरेज रेशियो भी काफी बढ़ा है। सीडी रेशियो पर रेगुलेटर के फोकस को देखते हुए यह एचडीएफसी बैंक के लिए पॉजिटिव है।
इंटरेस्ट रेट में कमी का होगा फायदा
एचडीएफसी बैंक की एसेट क्वालिटी अच्छी है। ऑपरेटिंग कवरेज रेशियो में लंबी अवधि में इम्प्रूवमेंट आने की उम्मीद है। इससे विलय के बाद रेगुलेटरी कॉस्ट में हुई वृद्धि की भरपाई हो जाएगी। आरबीआई इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में इंटरेस्ट रेट में कमी करेगा। बड़े बैंकों में इसका सबसे ज्यादा फायदा एचडीएफसी बैंक को होगा। आम तौर पर इंटरेस्ट रेट में कमी की साइकिल शुरू होने पर बैंकों के मार्जिन पर दबाव बढ़ता है। लेकिन, एचडीएफसी बैंक पर यह असर कम देखने को मिलेगा। इसकी वजह यह है कि सितंबर के अंत में कुल लायबिलिटी में बॉरोइंग की हिस्सेदारी 16 फीसदी थी।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
एचडीएफसी बैंक के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह वित्तीय रूप से काफी मजबूत है। विलय के बावजूद बैंक का प्रॉफिट अच्छा रहा है। दूसरी तिमाही में इसका रिटर्न ऑन एसेट 1.9 फीसदी और रिटर्न ऑन इक्विटी 15 फीसदी है। बैंक की अर्निंग्स ग्रोथ में थोड़ी कमी आई है, लेकिन इसकी वैल्यूएशन भी घटी है। इसका मतलब है कि यह बैंक विलय के निगेटिव असर से अब उबर रहा है। FY26 की अनुमानित बुक वैल्यू के 2 गुना पर इसके शेयरों में ट्रेडिंग हो रही है। अभी एचडीएफसी बैंक का शेयर सही वैल्यूएशन पर उपलब्ध है।