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FII vs DII: विदेशी निवेशकों की भारतीय मार्केट में घटी हिस्सेदारी, गिरकर आया 12 साल के निचले स्तर पर

FII vs DII: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की एनएसई पर लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी घटकर 16 फीसदी के नीचे 15.98 फीसदी पर आ गई है। यह 12 साल का सबसे निचला स्तर है। एनएसडीएल पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों की अक्टूबर में स्टॉक होल्डिंग सितंबर में 77.96 लाख करोड़ रुपये से 8.8 फीसदी गिरकर 71.08 लाख करोड़ रुपये पर आ गई। यह गिरावट मार्च 2020 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं दूसरी तरफ म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी अक्टूबर में मासिक आधार पर 9.32 फीसदी से उछलकर 9.58 फीसदी के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। अक्टूबर में उनकी होल्डिंग 42.36 लाख करोड़ रुपये थी। एफआईआई और म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी एनएसडीएल पर मौजूद अक्टूबर के एसेट्स अंडर कस्टडी (AUC) आंकड़े को एनएसई पर लिस्टेड एनएसई पर सभी कंपनियों के मार्केट कैप को डिवाइड करके निकालते हैं।

DII की कितनी है होल्डिंग

अक्टूबर में एफआईआई की घरेलू मार्केट में इक्विटी होल्डिंग 12 साल के निचले स्तर पर आ गई लेकिन म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। वहीं ओवरऑल डीआईआई की बात करें तो अक्टूबर के लिए डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशकों) के एसेट्स की टोटल वैल्यू उपलब्ध नहीं है लेकिन सितंबर में यह 76.80 लाख करोड़ रुपये थी। सितंबर तिमाही में मासिक आधार पर इनकी होल्डिंग 16.15 फीसदी से बढ़कर 16.2 फीसदी के रिकॉर्ड हाई पर पहुंची थी। सितंबर में एफआईआई की भी हिस्सदारी 16.27 फीसदी से बढ़कर 16.44 फीसदी पर पहुंची थी।

FII vs DII: भारतीय मार्केट में किसकी हिस्सेदारी ज्यादा?

अक्टूबर के लिए डीआईआई का डेटा अभी उपलब्ध तो नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि या तो यह एफआईआई के करीब पहुंच गया है या अधिक हो गया है। डीआईआई ने अक्टूबर में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया। हालांकि सटीक स्थिति तभी पता चलेगी, जब दिसंबर के आखिरी में शेयरहोल्डिंग आंकड़े सामने आएंगे। प्राइम डेटाबेस के एमडी प्रणव हल्दिया के मुताबिक अगर डीआईआई की होल्डिंग एफआईआई की होल्डिंग से अधिक हो जाती है तो यह बहुत बड़ा बदलाव होगा क्योंकि अभी तक एफआईआई सबसे बड़े नॉन-प्रमोटर रहे हैं जिससे मार्केट के रुझानों पर काफी असर पड़ता था लेकिन अब स्थिति में बदलाव हो सकता है।

स्थिति अभी ही बदलती दिख रही है और प्रणव के मुताबिक इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि अक्टूबर में एफआईआई की भारी बिकवाली के बावजूद बेंचमार्क इंडेक्स महज 6 फीसदी ही गिरे। एफआ ईआई और डीआईआई के बीच का अंतर 30 सितंबर 2024 को ऐतिहासिक रूप से 0.24 के न्यूनतम स्तर तक गिर गया जबकि मार्च 2015 में यह फर्क 0.09 प्रतिशत कम था।

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