Trump effect on Indian Stock Market: अमेरिका में एक बार डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में रिपब्लिक पार्टी की सरकार बन रही है। डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बनने के लिए बहुमत हासिल होने पर मार्केट ने जमकर खुशियां मनाई और एक कारोबारी दिन पहले घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सेज बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) एक-एक फीसदी से अधिक बढ़त के साथ बंद हुए। हालांकि इस ताबड़तोड़ तेजी के चलते मुनाफावसूली भी होने लगी और अधिकतर तेजी हवा हो गई। अब सेक्टरवाइज बात करें तो मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से मेटल, तेल कंपनियों और मैनुफैक्चरिंग को फायदा मिल सकता है जबकि आईटी सेक्टर को चुनौतियां झेलनी पड़ सकती है।
इन सेक्टर्स को मिलेगा फायदा
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप की चीन विरोधी नीति भारतीय मेटल प्रोड्यूसर्स के लिए पॉजिटिव हो सकती है। इसकी वजह ये है कि चीन मेटल का प्रमुख निर्यातक रहा है और उसने बहुत ही कम दरों पर मेटल्स का आयात किया। वीके विजयकुमार का कहना है कि ट्रंप चीन से मेटल्स के आयात पर हाई टैरिफ लगा सकते हैं। अगर ऐसाहोता है तो भारतीय मेटल कंपनियों को फायदा मिलेगा क्योंकि इससे उन्हें अमेरिका को और अधिक निर्यात करने के अवसर मिल सकते हैं। यह टाटा स्टील, JSW स्टील और हिंडालको जैसी कंपनियों के लिए फायदेमंद होगा।
Oil Marketing Companies (OMCs)
असित सी मेहता इंवेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स के रिसर्च हेड सिद्धार्थ भामरे का कहना है कि कच्चे तेल के भाव स्थिर रह सकते हैं क्योंकि ट्रंप विवादों और युद्धों को लेकर निगेटिव हैं। इससे तेल बेचने वाली कंपनियों और क्रूड डेरिवेटिव कंपनियों जैसे पेंट्स को लाभ होगा क्योंकि इनपुट लागत कम होगी और इसके चलते मार्जिन बढ़ेगा।
भामरे के मुताबिक ट्रंप की चीन विरोधी नीति के कारण भारत में मैनुफैक्चरिंग की मांग बढ़ सकती है क्योंकि कारोबारी चीन के विकल्प तलाशेंगे। इससे कैपिटल गुड्स सेक्टर को बढ़ावा मिल सकता है जिससे मैनुफैक्चरिंग सेटअप के लिए जरूरी इंफ्रा और मशीनरी में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
इन सेक्टर्स को झेलनी पड़ेगी चुनौतियां
Information Technology (IT)
एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (इक्विटीज) त्रिदीप भट्टाचार्य का कहना है कि आउटसोर्सिंग के लिए कठिन माहौल और टैक्स में कटौती के चलते अमेरिकी कॉरपोरेट खर्च में बढ़ोतरी से आईटी सर्विसेज पर मिला-जुला रुझान दिख सकता है। इसी प्रकार भामरे ने भी आईटी सेक्टर को लेकर चिंता जताई है। ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में अमेरिकी नौकरियों को प्राथमिकता दी थी और IT कंपनियों को ऑन-साइट भूमिकाओं के लिए स्थानीय स्तर पर एंप्लॉयीज को भर्ती करने को कहा था, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों की लागत बढ़ सकती है और मार्जिन पर असर पड़ सकता है। हालांकि भामरे का यह भी कहना है कि इस सेक्टर को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन भारतीय आईटी कंपनियां अब इसके लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं।
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